Sad Story in Hindi

नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल Sad Story in Hindi है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आएगा और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।

निस्वार्थ प्यार

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आज की कहानी एक पेड़ और उसके निस्वार्थ प्यार की है। शहर से कुछ ही दूरी पर एक शांत जगह पर एक बहुत बड़ा पेड़ लगा था। एक छोटा सा बच्चा था उसका नाम रॉबिन था। वह रोज उस पेड़ पर खेलने के लिए आता था। वह पेड़ पर चढ़ता उसकी टहनियां में झूला झूलता और उस पेड़ पर लगे हुए फल भी खाता था। पेड़ को उस बच्चों से बहुत ही लगाव हो गया था।

वैसे तो रॉबिन रोज उस पेड़ पर झूला झूलने और खेलने के लिए आता था। लेकिन अगर किसी दिन वह ना आ पाए तो पेड़ बहुत ही उदास हो जाता था। उनके दिन बहुत ही अच्छे बीत रहे थे। जब रॉबिन थोड़ा बड़ा हो गया तो उसने पेड़ के पास आना बंद कर दिया। पेड़ सोच में पड़ गया कि आखिर रॉबिन अब क्यों नहीं आ रहा है।

जब एक दिन बहुत समय बीत जाने के बाद रॉबिन पेड़ के पास आया तो पेड़ उसे देखकर बहुत ही खुश हो गया। रोबिन के आते ही पेड़ का सबसे पहला सवाल यही था कि मेरे दोस्त रॉबिन अब तुम मेरे पास क्यों नहीं आते। मेरे साथ खेलते क्यों नहीं हो तुम और ना ही मेरे साथ बातें करते हो। मैं तुम्हारे इंतजार में कितना उदास हो गया हूं। रॉबिन ने जवाब दिया कि अब मैं बड़ा हो गया हूं।

अब मुझे झूला झूलना अच्छा नहीं लगता है। अब मैं खिलौनों से खेलना पसंद करता हूं इसीलिए मैं अब तुम्हारे पास नहीं आता। यह सुनकर पेड़ बोला तुम मेरे पास आ गए रॉबिन ने कहा वह बात यह है कि मेरे पास बहुत ही कम और बहुत पुराने खिलौने हैं, मैं नए खिलौने खरीदना चाहता हूं लेकिन मेरे पास पैसे नहीं है।

पेड़ ने यह बात सुनकर कहा कि मेरे दोस्त पैसे तो मेरे पास भी नहीं है, लेकिन मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं, तुम मेरे फल तोड़कर बाजार में बेच दो इससे तुम्हें पैसे भी मिल जाएंगे। जिससे तुम नए-नए खिलौने खरीद सकते हो और फिर तुम उनके साथ खुशी से खेलन। रॉबिन यह सुनकर बहुत ही खुश हो गया। उसने पेड़ से फल तोड़े और बाजार में उन्हें बेचकर पैसे कमा लिए इसके बाद रॉबिन लौटकर कभी नहीं आया।

पेड़ एक बार फिर उदास हो गया कुछ सालों के बाद जब रॉबिन जवान हो गया तो वह एक बार फिर से पेड़ के पास आया। आते ही पेड़ ने उसे पहचान लिया और उसका पहला सवाल यही था कि तुम अब मेरे पास नहीं आते, ना ही मुझसे खेलते हो और ना ही मेरे साथ बातें करते हो। रॉबिन का जवाब था कि अब मैं जवान हो गया हूं मेरी शादी भी हो चुकी है। बहुत जिम्मेदरियाँ है मुझ पर। पेड़ ने पूछा फिर आज कैसे तुम्हें मेरी याद आ गई? रॉबिन ने बोलना शुरू किया मेरे दोस्त पेड़ मेरी शादी हो चुकी है लेकिन मेरे पास रहने के लिए अपना घर नहीं है।

पेड़ ने कहा मैं तुम्हें घर तो नहीं दे सकता। लेकिन तुम मेरी लकड़िया काटकर अपने लिए एक अच्छा सा घर बना सकते हो। यह सुनकर रॉबिन बहुत ही खुश हो गया। उसने पेड़ को काटना शुरु कर दिया उससे घर बनाने के लिए। काफी ज्यादा लकड़ी की जरूरत थी तो उसने पूरा पेड़ ही काट दिया। अब पेड़ का सिर्फ तना ही बचा था। सारी लकड़िया इकट्ठी करके रॉबिन वहां से चला गया। उसने उस लकड़ी से अपने लिए एक अच्छा सा घर बनाया। अब वह अपने पूरे परिवार के साथ उस घर में रहने लगा था।

उसका समय बहुत ही अच्छा बीत रहा था। वह उस घर में बहुत खुश था अब उसे पेड़ की कोई याद भी नहीं आती थी। इधर वह पेड़ अब सिर्फ एक कटा हुआ तना बनकर ही रह गया था। कुछ साल बीतने के बाद जब रॉबिन बूढ़ा हो गया तो वह एक बार फिर से पेड़ के पास पहुंचा। उसे देखकर पेड़ ने उसे पहचान लिया और वह बहुत ही खुश हो गया। रॉबिन को देखकर पेड़ ने पूछा इतने सालों बाद आए हो अब तो मेरे पास तुम्हारे को देने के लिए कुछ बचा भी नहीं है, जो मैं तुम्हें दे सकूं।

अब तो मैं सिर्फ एक कटा हुआ तना बनकर रह गया हूं। यह सुनकर रॉबिन की आंखों में आंसू आ गए। वह बोला मेरे दोस्त पेड़ आज मैं तुमसे कुछ भी मांगने नहीं आया हूं। मैं अपने इस जीवन की भाग दौड़ से बहुत ही थक चुका हूं। अब तो सिर्फ मन की शांति और मैं आराम से बैठना चाहता हूं। तुम ही मेरे एक ऐसे दोस्त हो जिस ने निःस्वार्थ मेरी मदद की है। अपना सब कुछ तुमने मेरे लिए कुर्बान कर दिया। अब मुझे सिर्फ मन की शांति चाहिए और मैं शांति से बैठना चाहता हूं। इसके अलावा मैं कुछ नहीं चाहता।

पेड़ यह सुनकर बोला मन छोटा मत करो रॉबिन तुम्हारे बचपन से लेकर तुम्हारी जवानी तक मैं तुम्हें कभी भी निराश नहीं किया। तुम्हारी हर जरूरत को पूरा करने की पूरी कोशिश की है। आज बुढ़ापे में भी मैं तुम्हारी इच्छा को जरूर पूरी करूंगा। आओ तुम मेरे कटे हुए तने का सहारा लेकर आराम से बैठ जाओ। तुम्हारा मन जरूर शांत हो जाएगा। सच में जब बूढ़ा रॉबिन पेड़ के तने का सहारा लेकर बैठा। तो उसका मन एकदम शांत था और अब वह बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा था।

दोस्तों ये कहानी दुनिया के सारे माँ बाप और उनके बच्चों की है। बच्चे बचपन मे उनके साथ खूब खेलते है और उन्हीं के साथ रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़े हो जाते हैं वह अपने मां-बाप से दूर होते जाते हैं। दूसरी तरफ मां-बाप चाहे खुद कितनी भी मुसीबत झेल ले लेकिन वह अपने बच्चों की सभी ज़रूरतें पूरी करते हैं। ठीक उसी पेड़ की तरह। आज की पीढ़ी को अपने माँ बाप के बलिदान को भूलना नहीं चाहिए और उन्हें बुढ़ापे में भी उनका सहारा बनना चाहिए।

सेल्समैन की कहानी

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यह कहानी एक सेल्समैन की है जिसका नाम स्टीव था। स्टीव एक बिस्कुट बनाने वाली कंपनी में काम करता था। 35 साल के स्टीव का काम कंपनी के लिए बिस्कुट की सेल बढ़ाना और मार्केट से नए-नए ऑर्डर लेकर आना था। पिछले 8 साल से स्टीव इसी कंपनी में काम कर रहा था। इन आठ सालों में स्टीव की ना तो कभी भी सैलरी बड़ी थी और ना ही उसका कोई प्रमोशन हुआ था। फिर भी स्टीव इसी कंपनी में जॉब कर रहा था।

स्टीव का ऑफिस उसके घर से 40 किलोमीटर दूर था। आने-जाने के लिए स्टीव को ट्रेन का सफर करना पड़ता था। ऑफिस से घर आने के लिए और घर से ऑफिस जाने के लिए उसे लगभग 3 घंटे तक ट्रेन में थका देने वाला सफर करना पड़ता था। यह रोज-रोज का सफर उसे बेतहाशा थका देता था।

स्टीव और उसका बॉस एक दूसरे को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। स्टीव का मानना था कि उसका बॉस उससे बहुत ही ज्यादा सख्ती से पेश आता है और छोटी-छोटी बातों पर उसे डांट देता है। जबकि बॉस को लगता था कि स्टीव अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है। उसे सेल्स का जो टारगेट मिलता है वह उसे पूरा नहीं करता है। दूसरी तरफ स्टीव कम सैलरी और रोज-रोज बॉस की डांट सुनकर तंग आ चुका था।

ऊपर से यह 3 घंटे का ट्रेन का सफर भी उसे बहुत थका देता था। अपनी रोज-रोज की इन परेशानियों से स्टीव बहुत ही तंग आ चुका था। कई बार तो उसके मन में सुसाइड करने का भी ख्याल आया। खैर किसी नॉर्मल दिन की तरह आज भी स्टीव ऑफिस से छुट्टी के टाइम निकाल कर भाग कर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा ट्रेन का टाइम जो हो चुका था। भीड़ को चीरते हुए स्टीव जैसे-जैसे ट्रेन में घुस गया। आज वीकेंड था शायद इसलिए भी भीड़ कुछ ज्यादा ही थी। ट्रेन के अंदर की भीड़ बाहर और धक्का मुक्की से भी स्टीम काफी परेशान हो रहा था।

स्टीव की नजर दो आदमियों पर पड़ी जिसमें से एक 70 साल का वृद्ध और दूसरा उसके साथ लगभग 40 साल का आदमी था। जो उसे बूढ़े इंसान को पापा पापा कहकर बुला रहा था। वह 40 साल का आदमी अपने बूढ़े बाप से कहता है पापा पापा आपका मोबाइल तो बहुत ही बढ़िया है। इसमें इतने अच्छे-अच्छे वीडियो है और कमल के फोटोस भी है। वाह यह तो बहुत ही बढ़िया है।

स्टीव यह देखकर हैरान था कि एक 40 साल का आदमी एक छोटे बच्चों की तरह मोबाइल को देखकर हैरान और खुश हो रहा था। तभी उसे 40 साल के आदमी ने ट्रेन से बाहर की तरफ देखा और फिर से जोर-जोर से चिल्लाने लगा पापा पापा वह देखो बाहर वह हरे-भरे पेड़ कितने सुंदर लग रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे वह पेड़ हमारे ट्रेन के साथ ही चल रही हो। उसका चिल्लाना स्टीव की परेशानी बढ़ा रहा था।

स्टीव पूरी तरह से परेशान हो चुका था। वह आदमी फिर से चिल्ला उठा पापा पापा वह पेड़ तो पीछे ही रहते जा रहे हैं। हमारे साथ नहीं चल रहे उसका पापा सिर्फ मुस्कुरा रहा था। अब स्टीव से नहीं रहा गया और वह चिढ़ कर बोल पड़ा उस 70 साल के बूढ़े आदमी से – अंकल आप भी कमाल करते हैं, आपके साथ आपका 40 साल का बेटा है जो मुझे दिमाग से एक बच्चे जैसा लग रहा है। शायद यह मंदबुद्धि है आपको इसको लेकर यूँ ट्रेन में सफर नहीं करना चाहिए।

यह चिल्ला चिल्लाकर सारी ट्रेन को सिर पर उठा रहा है और बाकी पैसेंजर को भी परेशान कर रहा है। आपको चाहिए आप इसको घर पर ही रखें या फिर जाकर किसी अच्छे डॉक्टर से इसका इलाज करवाइए। इसको इलाज की जरूरत है यह सुनकर 70 साल का बुजुर्ग मुस्कुराया और स्टीव से बोला बेटा हम अभी डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं। अब हमें दोबारा डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। यह मेरा बेटा जिसकी उम्र अब 40 साल है यह जन्म से ही अंधा था।

लेकिन अभी कुछ दिनों पहले ही इसकी आंखों का ऑपरेशन हुआ है और आज ही इसकी पट्टी खुली है। हम ट्रेन से अपने घर जा रहे हैं यह जो कुछ भी यहां पर देख रहा है इसने आज तक यह कभी नहीं देखा। इसीलिए किसी भी छोटे बच्चों की तरह चिल्ला चिल्ला कर खुश हो रहा है। इसने अपनी लाइफ के 40 साल अंधेरे में ही गुजार दिए हैं। लेकिन आज यह बहुत खुश है यह बात सुनकर स्टीव को समझ नहीं आ रहा था कि वह शर्मिंदा महसूस करें या उनके लिए खुशी जाहिर करें।

लेकिन एक बात जो उसको बिल्कुल समझ में आ चुकी थी कि अपनी लाइफ के 40 साल बिना आंखों के बीता देने के बाद भी यह इंसान बहुत खुश है। जबकि स्टीव के पास एक पूरा सही सलामत शरीर होते हुए भी वह हमेशा नाखुश ही रहता है। लेकिन अब स्टीव डिसाइड कर चुका था कि अब चाहे जैसे भी स्थिति रहे वह अपना सोच हमेशा पॉजिटिव रखेगा और हमेशा खुश रहने की कोशिश करेगा।

हमारे जीवन में भी बहुत कुछ होता है, लेकिन हम सब उसकी कदर नहीं करते, लेकिन जो चीज हमारी लाइफ में मिसिंग रहती है। हम सिर्फ उसी के बारे में सोचते रहते हैं और अपने खुशियों को भी मजा नहीं कर पाते।

आज की ये पोस्ट Sad Story in Hindi आपको कैसी लगी ये आप हमें कमेन्ट कर के बता सकते है। हम हमेशा आपके लिए ऐसे ही मजेदार कहानियाँ लेकर आते रहेंगे।

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