नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए कहानी के साथ जिसका टाइटल लाली का मायका है। यह कहानी एक Emotional Story in Hindi है। हम उम्मीद करते है की ये कहानी आपको जरूर पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
लाली का मायका
ललिता अपने घर में अपने पति के साथ अकेले ही रहती थी। दोनों की शादी को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था। ललिता के ससुराल में सिर्फ दोनों पति-पत्नी ही थे। सास ससुर का पहले से ही देहांत हो चुका था। ना कोई देवर था , ना कोई ननद। ललिता को सब लाली कह कर पुकारते थे।
दोनों पति पत्नी गर्म स्वभाव के थे। थोड़ी-थोड़ी बात पर दोनों में झगड़ा हो जाता था। कभी तो नौबत यहां तक आ जाती की घर में बना हुआ खाना भी बेकार हो जाता। दोनों में से कोई खाना नहीं खाता। किसी बड़े बुजुर्ग की कमी घर में साफ झलकती थी। जो इन दोनों को समझाकर सुलह करा सके। लाली का पति पेशे से एक सुनार था गांव में उसका सुनारी का काम अच्छा चलता था।
Emotional Story in Hindi
घर में किसी चीज की कमी नहीं थी। अगर कोई कमी थी तो वह थी घर की शांति की। एक दिन लाली का पति दोपहर के खाने के लिए घर आया तो खाने के स्वाद को लेकर दोनों में बहस हो गई। लाली के पति ने ताना मारते हुए कहा कि खाना किसी बीमार मरीज के लायक लगता है। लाली ने भी तपाक से जवाब दिया तो खुद ही बना लिया करो अपनी पसंद का खाना। बात बढ़ते बढ़ते यहां तक बढ़ गई की लाली अपने मायके जाने को तैयार हो गई।
अगले ही दिन लाली अपने मायके पहुंच गई। शादी के बाद बेटी के अकेले मायके आने पर मां-बाप को समझते देर ना लगी कि जरूर पति से कुछ मनमुटाव हो गया है। पर मां ने लाली से कुछ नहीं कहा। रात को जब सब खाना खा चुके थे तो लाली की मां ने लाली से पूछ ही लिया कि तुम अकेले ही आई हो। जरूर घर में कुछ क्लेश हुआ होगा। तब लाली ने गुस्से में आंखें तरेरते हुए कहा क्या बताऊं मां आपके जमाई राजा का मिजाज बहुत ही चिड़चिड़ा हो गया है। जो जब तब मुझसे लड़ते रहते हैं।
हर छोटी-छोटी बात पर घर में झगड़ा हो जाता है। यहां तक की कई बार मेरा बनाया हुआ खाना भी बेकार ही जाता है। मां पूरी गंभीरता से लाली की बात सुन रही थी। मां ने कहा लाली इसमें कोई बड़ी बात नहीं है ऐसा तो हर घर में होता रहता है । दुनिया में कोई ऐसी पति-पत्नी नहीं जिनमे झगड़ा ना होता हो पर इस बात पर तुम्हें मायके नहीं आना चाहिए।
Emotional Story in Hindi
मां ने आगे बोलना जारी रखा खैर कोई बात नहीं मेरे पास तुम्हारी इस समस्या का हाल है जो मैं कल तुम्हें दूंगी और तुम कल ही अपने ससुराल लौट जाना। लाली इस बात से खुश हो गई और राजी हो गई। अगले दिन मां ने एक कांच की शीशी लाली के हाथों में थमा दी और कहा इसमें एक अचूक दवा है, यह नुस्खा तेरी नानी ने यानी मेरी मां ने मुझे दिया था। जब भी तेरा घर वाला तेरे से लड़े तू बस इस दवा को मुंह में रख लेना इससे तुम्हारा घर वाला अपने आप चुप हो जाएगा।
लाली ने वह शीशी रख ली और वापस अपने ससुराल आ गई ससुराल पहुंचकर लाली ने उस दवाई की परीक्षा करनी शुरू कर दी। जब भी उसका पति किसी बात पर लड़ना शुरू करता लाली अपने मुह मे दवा रख लेती। धीरे धीरे इसका असर दिखाई देने लगा था। उसके पति का लड़ाई करना काफी काम हो गया था।
ये देख कर लाली बहुत खुश थी। कुछ दिन बाद लाली एक बार फिर अपने मायके गई। वो इस बार बहुत खुश थी। उसने बड़े ही उत्साह से माँ से कहा – माँ तुम्हारी दवाई तो बहुत ही कारगर साबित हुई। वो दवाई बनाने का नुस्खा आप मुझे भी बता दो ताकि मै खुद ही उसे बना सकूँ। क्योंकि बार बार आना जाना मुश्किल हो जाता है। इस पर मां ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया -अरे मेरी प्यारी लाली जो शीशी मैं तुम्हें दी थी उसमें सिर्फ शुद्ध गुड़ की बनाई हुई गोलियों ही थी और कुछ नहीं।
Emotional Story in Hindi
तुम्हारी समस्या का हाल तुम्हारे चुप रहने से है। जब तुम मुंह में दवा यानी गुड के गोली रख लेती हो तो उसका मीठा स्वाद लेने लगते हो और चुप हो जाती हो। तुम्हारी चुप्पी देखकर तुम्हारे घर वाले का गुस्सा भी शांत हो जाता है।
इसी को एक चुप 100 सुख कहते हैं और तुम इस दवा को कभी भूलना मत। लाली ने मां की बात गांठ बांध ली और खुशी-खुशी अपने घर वापस लौट गई। लाली का नरम स्वभाव देखकर धीरे-धीरे उसके पति के स्वभाव में भी बदलाव आ गया। कुछ ही समय बाद दोनों के पास एक बेटी का जन्म हुआ। अब वह तीनों एक खुशनुमा जीवन बिताने लगे।
दोस्तों, आपको ये Emotional Story in Hindi कैसे लगी ? ये आप कमेन्ट करके जरूर बताइएगा। हम ऐसे ही कहानियाँ आपके लिए लेकर आते रहेंगे।
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