Collector Kaise Bane: दोस्तो, कलेक्टर कौन नहीं बनना चाहता है। इस पोस्ट का रुतबा ही ऐसा होता है की हर एक छात्र को एक बार यह ख्याल जरूर आता है कि उसे कलेक्टर बनना चाहिए और सारे माता-पिता की भी यही ख्वाहिश होती है कि उसका बच्चा कलेक्टर जैसी पोजीशन पर एक दिन जरूर पहुंचे। अब अगर आप भी कलेक्टर बनना चाहते हैं और जिला के विकास के जरिए देश की विकास में योगदान देना चाहते है यह पोस्ट Collector Kaise Bane आपके लिए है।
कलेक्टर कौन होता है?
कलेक्टर उस पोस्ट का नाम होता है जिसे केंद्र सरकार देश के प्रत्येक जिला में अप्वॉइंट करती है। कलेक्टर उस जिला के प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता है। कलेक्टर का काम जनता की सेवा करना होता है। कलेक्टर को बहुत से जिम्मेदारियां होती है –
- जिला का प्रशासन संभालना
- कानून व्यवस्था को मेंटेन रखना
- जिला का भू राजस्व इकट्ठा करना
- किसी तरह के संकट की स्थिति में आपदा प्रबंधन
- विधान सभा और स्थानीय निकाय के चुनाव करना
- सरकार की सभी संपत्ति को प्रबंधित करना
- जिला के टैक्स रिवेन्यू की निगरानी करना
- किसान की वेलफेयर का ध्यान रखना
- कृषि लोन को बांटना
कलेक्टर कैसे बने? (Collector Kaise Bane)
चलिये, अब ये जानते है की आपको कलेक्टर बनने के लिए कौन कौन से प्रक्रिया से गुजरना होगा। कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको यूपीएससी के द्वारा कंडक्ट किया जाने वाला सिविल सर्विस एग्जाम क्वालीफाई करना होगा। इसके लिए कुछ पात्रता होने चाहिए :-
- कलेक्टर बनने के लिए अभ्यर्थी का भारत का नागरिक होना चाहिए। लेकिन नेपाल, भूटान और तिब्बत के नागरिक होने पर भी कलेक्टर बना जा सकता है।
- अभ्यर्थी की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए और सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट के लिए अधिकतम 30 वर्ष, ओबीसी के लिए 33 वर्ष और एसटी, एससी अभ्यर्थी के लिए 35 वर्ष होती है। इसमें ओबीसी कैंडीडेट्स को 3 साल का और एससी एसटी अभ्यर्थी को 5 साल का छुट भी मिलता है।
- कलेक्टर बनने के लिए अभ्यर्थी का किसी भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना जरूरी है। ऐसे छात्र जो ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में हो वह भी यूपीएससी का एग्जाम दे सकते हैं।
परीक्षा पैटर्न
कलेक्टर बनने के लिए आपको UPSC (Union Public Service Commission) का CSE (All India Civil Services exam) परीक्षा पास करना होगा। यह परीक्षा तीन स्टेज में कंडक्ट होता है –
1. प्रारम्भिक परीक्षा (Preliminary Exam)
प्रारम्भिक परीक्षा में दो पेपर्स होते हैं। जिसमे प्रत्येक पेपर 200 अंक के होते हैं यानी टोटल 400 मार्क्स का पेपर होता है। पेपर दो भाषा इंग्लिश और हिंदी में होता है। प्रत्येक पेपर की अवधि 2 घंटे होती है। इस परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं और इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होती है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.33 अंक कट जाते हैं। पहला पेपर करंट अफेयर्स, भारतीय इतिहास और पॉलिटिक्स का होता है और दूसरा पेपर CSAT (Civil Service Aptitude Test) का होता है।
अब आगे प्रारम्भिक परीक्षा के सिलेबस के बारे में भी जान लेते हैं फर्स्ट पेपर में यह टॉपिक Indian History, Indian Politics, Current Events, General Science, General Issues, Indian Geography, World Geography, Social Development, Economic Development आते है।
सेकंड पेपर में Communication Skills, Intrapersonal Skills, English Skills, English Comprehension, Language Skills, decision making skills, Problem solving ability, Mental Ability और Basic numeracy टॉपिक आते है।
2. मुख्य परीक्षा (Mains Exam)
जो भी अभ्यर्थी प्री एग्जाम जो सफलता पूर्वक पास कर लेते है उनको मेंस परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। इस परीक्षा में डिस्क्रिप्टिव टाइप के प्रश्न आते हैं। यह परीक्षा कुल 1750 अंक के होते हैं और इसमें 9 पेपर होते है। इन नौ पेपर में से केवल सात पेपर के बेस पर मेरिट रैंकिंग बनती है और बाकी दो पेपर क्वालीफाइंग पेपर होते है। कोई भी एक इंडियन लैंग्वेज और इंग्लिश इनमें से हर पेपर के मार्क्स 300 होते हैं और बाकी जो साथ पेपर्स होते हैं वह है Essay, General Studies – 1 (जिसमे Indian Heritage and Culture, History, Geography of The World and Society)
General Studies -2 ( Governance, Constitution,Polity, Social justice और International Realtions )
General Studies – 3 ( Technology, Economic Development, Bio-Diversity, Environment, Security and Disaster Management)
General studies – 4 ( Ethics, Integrity and Aptitude)
क्योरटी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े सारे सवाल आते हैं जनरल स्टडीज फोर्थ जिसमें एथिक्स इंटीग्रिटी एंड एप्टीट्यूड रिलेटेड क्वेश्चंस आते हैं ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर 2 इनमें से हर पेपर के मार्क्स 250 होते हैं
3. इंटरव्यू (Interview)
मुख्य परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थी को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता हैं। इंटरव्यू में अभ्यर्थी की Mental Alertness, Balance of Judgement, Critical Power of Assimilation, Clear and Logical Exposition, Variety and Depth of Interest, Ability for Social Cohesion and Leadership, Intellectual and Moral Integrity जैसी स्किल्स को चेक किया जाता है।
यह परीक्षा 275 अंक के होते हैं और यह एक पर्सनैलिटी टेस्ट होता है। जिसके अंक फाइनल कट-आफ़ में जोड़े जाते हैं और जो अभ्यर्थी मेरिट में आते हैं उसे IAS पोस्ट के लिए सेलेक्ट कर लिया जाता हैं।
एक आईएएस ऑफिसर अपनी 6 साल की सर्विस और दो से तीन प्रमोशन के बाद जिला कलेक्टर की पोस्ट पर अप्वॉइंट हो सकता है। जबकि ऐसा कैंडिडेट जो एसपीएसएस के द्वारा आईएएस ऑफिसर की पोस्ट पर प्रमोट हुआ हो उसे कलेक्टर बनने में 20 साल तक का समय लग सकता है।
यूपीएससी पूरे भारत के लिए एक है जबकि एसपीएसएस भारत की हर राज्य में होता है। स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन यानी कि एसपीएसएस परीक्षा भी काफी कठिन परीक्षा होता है। इसका सिलेबस और परीक्षा पैटर्न भी यूपीएससी के समान ही होता है। इसलिए आप यूपीएससी के साथ इस एग्जाम की तैयारी भी कर सकते हैं तो आपके लिए यह काफी लाभदायक रहेगा। क्योंकि आप एक ही साल में यह दोनों परीक्षा दे सकते हैं।
अगर सैलरी की बात करे तो जिला कलेक्टर को मिलने वाली सैलरी 95 हजार से डेढ़ लाख तक होती है। यह सैलरी अनुभव के आधार होती है और सैलरी के अलावा कलेक्टर को इस पोस्ट पर रहते हुए बहुत सारे बेनिफिट्स जैसे – Dearness Allowance, House Rent Allowances , Travelling Allowances , Medical Allowances और पेंशन भी मिलते हैं।
स्ट्रेटजी
- सबसे पहले आपको इस परीक्षा के लिए अपनी तैयारी जल्द ही शुरू करने पर जोर देना चाहिए ताकि आप एक्स्ट्रा समय का बेनिफिट उठा सके। लेकिन इस एक्स्ट्रा समय को जाया करने की गलती बिल्कुल ना करें। बल्कि प्रॉपर टाइम मैनेजमेंट को फॉलो करें।
- परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यूपीएससी और एसपीएसएस के सिलेबस को अच्छी तरह समझ ले और हो सके तो उसकी कॉपी अपनी स्टडी टेबल पर भी रखें। जिससे आप रोजाना क्रॉस चेक कर सके।
- अपना रूटीन बनाए और उसके अनुसार तैयारी शुरू करते समय यह याद रखिए कि आपको अपने इस रूटीन पर सटीक रहना होगा।
- आपको करंट अफेयर्स पर भी फोकस करना होगा क्योंकि सिविल सर्विस एग्जाम में पूछे जाने वाले सवाल सीधे तौर पर करेंट अफेयर्स से कनेक्ट होते हैं। इसीलिए रोज अखबार को पढ़ने की आदत बनाइये।
- ऑप्शनल सब्जेक्ट को चुनते समय अपनी रुचि, एकेडमी बैकग्राउंड, स्टडी मैटेरियल की उप्लब्धता जैसे फैक्टर को जरूर से ध्यान में रखें।
- एनसीईआरटी की किताब से अपनी पढ़ाई शुरू करें। जिसमें 6th से लेकर 12th तक की किताब शामिल हो। इन किताबों से आपका बेसिक कॉन्सेप्ट्स क्लियर होगा।
- पढ़ाई के दौरान शॉर्ट नोट्स जरूर बनाएं। जिनसे आप एक रिवीजन कर सके।
- अपनी आंसर राइटिंग स्किल्स को इंप्रूव करने पर भी गौर करें। क्योंकि मेंस परीक्षा का पेपर डिस्क्रिप्टिव होता है। जिसमें आपकी एनालिटिकल, क्रिटिकल और कम्युनिकेटिव एबिलिटीज को टेस्ट किया जाता है।
- अभ्यास के लिए पिछले साल के पेपर्स और मॉक टेस्ट सीरीज को जरूर से सॉल्व करें।
- रिवीजन के लिए समय जरूर रखें ताकि आपके मेहनत का बेस्ट रिजल्ट निकलकर सामने आ सके।
- अपने इंटरव्यू के लिए भी तैयार रहे और इसके लिए अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स, डिप्लोमेटिक स्किल्स और प्रेजेंस आफ माइंड को बेहतर बनाने पर जोर दे।
- इसके अलावा अपनी हॉबीज, इंटरेस्ट, एजुकेशन और काम के अनुभव से जुड़े सवालों के बेस्ट उत्तर भी तैयार करें।
- सकारात्मक बने रहे और धैर्य के साथ लगातार प्रयास जारी रखें और सेल्फ मोटिवेशन बनाए रखते हुए एग्जाम में बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए तैयार हो जाए।
इस तरह से आप इन सारे सुझावो पर अमल करते हुये और एग्जाम प्रक्रिया को फॉलो करते हुए जिला कलेक्टर बनने के लिए तैयारी कीजिए और आपकी कड़ी मेहनत एक दिन रंग लाएगी और आप भी कलेक्टर बनके देश की सेवा करेंगे।
हम उम्मीद करते है की आज का पोस्ट आपको पसंद आया होगा और आपका Collector Kaise Bane से जुड़े सारे सवालों का जवाब आपको मिल गया होगा। आपको ये पोस्ट कैसा लगा ये आप हमें कॉमेंट करके जरूर बताइएगा।
यह भी पढे: