नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल चांद शायरी (Chand Shayari) है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगा और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
चाँद से कहो कि गुफ़्तगू-ए-अँधेरा मुक़र्रर कर ले वरना,
लाशें बिछ सकती है आज महबूब के दीदार में।
जैसे चांद के होने से रोशन है।यह रातें,
ठीक उसी प्रकार तुम्हारे होने से रोशन है मेरी जिंदगी।
काश आसमान का ये तन्हा चाँद मुझे अपने पास बुला लेता,
और मेरी तन्हाई का साथी बन मुझे अपनी आगोश में सुला लेता।
कहां से लाऊं वो लफ्ज जो सिर्फ तुझे सुनाई दे,
दुनिया देखें चांद को मुझे बस तू ही दिखाई दे।
जाओ सो जाओ सितारों तन्हा।
चाँद आज रात मसरूफ़ है कहीं।
रात भर भटका मन मोहब्बत के पते पर,
चाँद कब सूरज में बदल गया पता नहीं।
चुभती है क़ल्ब व जाँ में सितारों की रोशनी,
ऐ चाँद डूब जा की तबियत उदास है।
तोड़कर चाँद लगा तो दूँ मैँ तेरे माथे पर,
आसमानों में मगर मसले खड़े हो जाएंगे।
Chand Shayari
हम थे ठहरे हुए पानी पे किसी चांद का अक्स,
जिस को अच्छे भी लगे उसने भी पत्थर फेंका।
साड़ी का पल्लू नाभि से न हटाया कीजिए,
चाँद जब अब्र में छिपा हो तो कहर ढाता हैं।
उफ़्फ़ वो संगेमरमरी बदन पे सियाह शॉल।
हमने देखा है अपना चाँद काले लिबास में।
तु बिल्कुल चाँद की तरह है,
नूर भी दूर भी और गुरुर भी।
मत पूछ मेरे जागने की वजह ऐ-चाँद,
तेरी ही हम शकल है वो जो मुझे सोने नही देती।
तुम सितारों की बात ना करो मुझसे,
मेरे राब्ते में आजकल चाँद रहता है।
पूछा जो उनसे चाँद निकलता है किस तरह,
ज़ुल्फ़ों को रूख पे डाल के झटका दिया कि यूँ।
चांद मुंह पर आकर बैठ गया हो ऐसा तुम्हें रूप मिला है,
मुस्कुराता हुआ चांद जैसे अभी अभी खिला है।
Chand Shayari in Hindi
आजा तुम्हे आसमान में ले चलूं,
चांद को उसकी औकात दिखानी है।
मेरे दिल में मोहब्बत का चांद चमकता रहे,
तुम्हारे होठों का ये लाल गुलाब महकता रहे।
दो पल जिंदगी के, तेरे साथ गुजारे है ए जान,
तूम्हीं तो एक चाँद हो, बाकि सब सितारे हैं।
जो तुम खुदको नकाब मैं छुपाए हुए हो चांद भी उसे देख शर्माता होगा,
कभी तो उठाओगी नकाब चेहरे से चांद भी तो पीछे पीछे आता होगा।
खूबसूरती देख इश्क़ की आस्मां का चांद भी जलने लगा
तारे सारे ज़मीं पे आ गये जब तू मेरा हाथ थाम साथ चलने लगा।
एक चांद कहकर गया मुझसे आज निकलेगा ज़रूर,
एक निगाह लिए बैठा हूं आज सुबह से मै।
नजाकत तो देखिये जनाब चांद सा जब कहा उनको,
तो कहने लगी चांद कहिये ना अर्श ये चांद सा क्या है।
रातो की आवारगी की आदत तो हम दोनो में थी,
अफ़सोस चाँद को ग्रहण और मुझे इश्क लग गया।
Chand par Shayari
आओ मेरा हाथ पकड़ लो आज चांद पर टहल आएं हम,
मुकम्मल ख़्वाब के लिए ये जमीं अब छोटी सी लगती है।
आओ मेरा हाथ पकड़ लो आज चांद पर टहल आएं हम,
मुकम्मल ख़्वाब के लिए ये जमीं अब छोटी सी लगती है।
चाँद को छू लिया था हमने ज़रा सा कल,
चाशनी आज तक इन उंगलियों में चिपचिपाती है।
सुनो चांद मानते थे ना उसे,
अब दुरी तो सहनी ही पड़ेगी।
रात नहीं हुई बहुत दिनों से मेरे यहाँ,
मेरा चाँद अब किसी और शहर में रहता है।
चाँद के पार सुना है एक आसमान और भी है,
कभी फुरसत में चलेंगे तुम्हारा हाथ पकड़कर।
सूरज के बाद चाँद और चाँद के बाद सूरज,
गोल घूमती धरती पर ठहरने के भरम में हूँ।
चाँद अल्फाज़ो से न लगा मर्रे किरदार का अंदाज़ा,
मोहब्बत कितनी है दिल में तो महफ़िल में आजा।
Chand pe Shayari
रात भर तारीफ़ मैंने की तुम्हारे रूप की,
चाँद इतना जल गया सुनकर कि सूरज हो गया।
मैं अगर रात बन जाऊँ, तो तुम चाँद बन जाना,
सुना है चाँद का अलग ही खुमार होता है रात की बाँहो में।
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था।
तेरी सादगी पे हम यूँ चार चांद लगा देंगे,
तुम पहनना साड़ी, हम तेरी माँग में सिंदूर सजा देंगे।
चाँद को छूने की कोशिश में हैं नए लड़कों के हाथ,
जिन्हें ये इल्म ही नहीं चाँद पे परचम हमारा है।
चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है,
अक्स किस का है कि इतनी रोशनी पानी में है।
चंद लोगों की जलन से हमें क्या होना है,
यार गीदड़ भी तो शेरों के बुरा चाहते हैं।
मोहब्बत में झुकना कोई बड़ी बात नहीं है
चमकता सूरज भी ढल जाता है चांद के लिए।
Chand ki Shayari
नजरें क्या मिली होश ही गंवा बैठे
कुछ समझ नहीं आया उन्हे चांद पर ही चांद बना बैठे।
नही कर सकता कोई विज्ञानिक मेरी बराबरी
मै चांद देखने साइकिल से जाया करता था!
बात चली चाँद से सुन्दर कौन है हम गलती से गुलाब बता बैठे,
झुंझलाये वो इस कदर, झटके से नकाब उठा बैठे।
खिदमत में मेरी ख़ातिर चाँद सितारें न लाया करो,
सुना सकूँ तुम्हें बातें मेरी बस इतना वक़्त लेकर आया करो।
मेरी कायनात में कई सितारे हैं जेरे गर्दिश,
मैं जिसकी गर्दिशो में हू वो एक चांद तुम हो डोरेमोन।
हमकदम साथ हो ये ज़रूरी नहीं हाथ में हाथ हो ये ज़रूरी नहीं,
इश्क़ के लाख तारे हैं रौशन यहाँ चाँद हर रात हो ये ज़रूरी नहीं।
तेरे आने से भी सज सकता था मेरे घर का आंगन,
ये जरूरी नहीं कि आसमां से चांद ही उतारा जाये।
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चांद पूरा था मगर आधा लगा।
Chand ke Upar Shayari
ओढ़ कर पल्लू निकले है वो धुप मे,
आज पेहली दफा चांद को जलते देखा है धुप मे।
नज़र ना लगे मेरे चाँद को,
हैप्पी होली मेरी जान को।
अब झूठे इल्जामों की फिक्र ना करो तुम,
इस वक्त का ग्रहण तो चाँद ने भी झेला है।
चलो सितारों सो लेते है हम थोड़ी देर,
चांद आ गया तो रात बातों में गुजरेगी।
वो मुझे रोज कहती थी तुम मुझे चांद ला कर दो,
उससे एक आईना देखकर अकेला छोड़ आया हूं।
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था।
Chand Shayari Hindi
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था।
चाँदनी चाँद करता है चमकना सितारोँ को पडता है,
मोहब्बत आँखे करती है तडपना दिल को पडता है।
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था।
मेरे हिस्से आया चांद तेरे हिस्से आया तारे,
मेरा सिर्फ तू मगर तुझे चाहने वाले कितने सारे।
बज़्म-ए-ख़याल में तिरे हुस्न की शम्अ जल गई,
दर्द का चाँद बुझ गया हिज्र की रात ढल गई।
अब तो मेरे वादे पर ऐतबार कर मेरी जान,
तेरे इश्क़ में चांद लाने भेजा है परिंदों को।
रहमतों और बरकतों बाला चांद सब को मुबारक हो,
दुनियां जिस भूख से डरती है मेरे रब ने उसे इबादत बना दिया।
चांद को सुनाता हूं अक्सर हाल-ए-दिल।अपना,
मैं इन जमीं वालों पर अब भरोसा नहीं करता।
देखो ना चाँद तुम्हारी बराबरी करने चला आया जान,
मैंने सिर्फ़ इतना कहा था उसके होंठों के नीचे तिल है।
इजाज़त हो तो हम भी तुम्हारे पास आ जाएं,
देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है।
Chand Love Shayari
वो आसमांं का चांद भी मुझ से रस्क करता है
कहता है तुम्हारा चांद मुझे ज्यादा प्यारा है
एक तस्वीर तुम भी अपना भेजना,
मुझे भी चांद का फोटो लगाना है।
लोग तौल देते है चंद बातों पर किरदार,
बारी अपनी हो तो तराजू नहीं मिलता।
चेहरा चाँद का पढ़ लेना मगर जरा ख्याल से,
कुछ ख्याल लिख दिये है हमने बड़े ही बेख्याल से।
नहीं कर सकता कोई वैज्ञानिक मेरी बराबरी,
मै चांद को देखने साइकिल से जाया करता था।
कभी चाँद कहाँ उसने मुझे तो कभी आसमान से गिरा दिया,
कभी नफ़रतो में मिला सुकून तो कभी चाहतो ने रुला दिया।
साथ साथ घूमते है हम दोनों रात भर,
लोग मुझे आवारा और उसे चाँद कहते है।
तुमने देखे ही कहा है गांव के हुस्न चांद रहते है छोटे घरों मे,
जिस चांद के हजार चाहने वाले हों वो क्या समझेगा एक तारे की कमी।
चांद शायरी
मेरे महबूब के चेहरे पर दाने निकल आए,
पहले चेहरा चांद था अब तारे निकल आए।
चांद से कह दो अपनी हदो में रहे,
मेरे महबूब का सजना अभी बाकी है।
सुना है इश्क हो जैसे मुझ पर एसी नज़र रखता है,
खिड़की से झांकते हुए चांदमेरी खबर रखता है।
ज़ी सकता हूं आधे दिल के साथ,
आधा चांद रोशनी कम नहीं देता।
थोड़ा-थोड़ा रूबरू हम रोज होंगे ज़नाब,
क्या चाँद को पूरा निकलते देखा है कभी।
बाँध दूँ चाँद आँचल के इक छोर से,
माँग भर दूँ तुम्हारी सितारों से मैं।
जरा कभी मेरी नज़र से खुद को देख भी,
है चांद में भी दाग पर ना तुझमें एक भी।
इस दिल में अब अंधेरा इस कदर है,
वो चांद कहीं दिखाई नहीं देता अब।
सितारों से भरी रात को इंतजार है जिसका,
वो मगरूर चांद अभी तक नही आया।
दुनिया की खुशियों से मुझे क्या वास्ता गालिब,
हमारा चांद दिख जाता तो हमारी भी ईद हो जाती।
तुम ईद पर चाँद बनकर निकल आना,
मैं तुम्हारा लखनऊ बनकर इस्तक़बाल करूँगी।
किसी चांद को अपना बनाने से पहले देख ले,
कितने और ग्रह उसके चक्कर लगाते हैं।
निखरी हुई है रात की तक़दीर शाम से,
निकला है चाँद आज बड़े एहतेमाम से।
ईद का चाँद तुम ने देख लिया,
चाँद की ईद हो गई होगी।
चांद शायरी हिंदी में
मुर्शिद तमाम शहर ने चांद देख लिया,
मुर्शिद हमारे चांद की कोई ख़बर नहीं।
हुस्न की ये इन्तेहाँ नहीं है तो और क्या है,
चाँद को देखा है हथेली पे आफताब लिए हुए।
चाँद भी कया अजीब चीज है जालीम,
बचपन में मामु और जवानी मे जानु नजर आता है।
कभी चाँद कहाँ उसने मुझे तो कभी आसमान से गिरा दिया,
कभी नफ़रतो में मिला सुकून तो कभी चाहतो ने रुला दिया।
उसकी बेनांई मे नुक्स होगा जो मुझे बदसूरत कहा,
मां तो चांद कहती थी ओर वो भी एक पठान का।
आसमाँ वाला चांद भी अब अकेला नही रहा,
तुम्हारी तरह उसको भी नया यार मिल गया।
कोई चाँद से मोहब्बत करते है कोई तारों से मोहब्बत करते है,
हम तो उनसे मोहब्बत करते है, जो हमसे मोहब्बत करते है।
आसमां में चांद और मेरे सिरहाने तुम,
संग ऐसे जंचते हैं जैसे इतवार और सुकून।
उतना तो अब तक अंबर में चांद सितारे नही चमके,
जितने मेरे दिल के आसमां में रोज चमकते हैं तुम्हारे झुमके।
रात उतरने लगी है खिड़की पर,
बेसबर आँखों को चाँद का इंतजार है।
चल के आई है मेरे पास तो कुछ ऊँचा मांग,
चाँद तारे तो मेरे चेले भी ला सकते है।
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