What is NIFTY and SENSEX in Hindi

हम अक्सर सेंसेक्स और निफ्टी के बारे मे सुनते है। कभी इनके ऊपर जाने की खबर आती है तो कभी नीचे जाने की। लेकिन आखिर सेंसेक्स और निफ्टी होते क्या है,इनकी वैल्यू ऊपर या नीचे कैसे जाती है, और यह कितने जरूरी है। अगर आपके मन में भी यह सवाल आते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए काफी मददगार साबित होगी।

सेंसेक्स (SENSEX) और निफ्टी (NIFTY) क्या होता है?

शेयर मार्केट में कंपनियां आईपीओ (IPO) लाकर पब्लिक से इन्वेस्टमेंट कलेक्ट करती हैं। भारतीय शेयर मार्केट में दो ही प्लेटफार्म है, जिनके द्वारा कोई कंपनी आईपीओ (IPO) ला सकती है। इन प्लेटफॉर्म्स को हम स्टॉक एक्सचेंज कहते हैं।

पहला एक्सचेंज है बीएसई (BSE) या मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) और दूसरा एक्सचेंज है एनएसई (NSE) या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange), दोस्तों अगर किसी कंपनी को आईपीओ (IPO) लाना है तो वह चाहे तो आईपीओ सिर्फ BSE या सिर्फ NSE से या दोनों पर ला सकती है। अगर कंपनी सिर्फ बीएससी पर आईपीओ लाती है तो हम कहेंगे कि यह कंपनी सिर्फ बीएससी पर लिस्टेड है। इसी तरह कंपनियां सिर्फ एनएसई पर भी लिस्टेड हो सकती है या कंपनी दोनों एक्सचेंज बीएसई और एनएसई पर भी लिस्टेड हो सकती हैं।

बीएससी (BSE) पर टोटल लगभग 5439 कंपनियां लिस्टेड है और एनएससी(NSE) पर टोटल लगभग 1952 कंपनियां लिस्टेड है। तो दोस्तों अगर हमें जानना है कि कोई एक खास कंपनी कैसा परफॉर्म कर रही है तो हम उस कंपनी की डिटेल्स को देख सकते हैं और उस कंपनी के परफॉर्मेंस को ट्रैक कर सकते हैं। लेकिन अगर हमें यह जानना है कि बीएससी (BSE) या एनएसई (NSE) पर लिस्टेड सबसे बड़ी कंपनियां मिलकर कैसा परफॉर्म कर रही है, इसको पता करने के लिए इंडेक्स (Index) बनाया गया है।

बीएसई (BSE) ने अपने इंडेक्स का नाम सेंसेक्स (SENSEX) दिया है। सेंसेक्स पूरा नाम सेंसेटिव इंडेक्स (Stock Exchange Sensitive Index) होता है और NSE ने अपने इंडेक्स का नाम निफ्टी दिया है। निफ्टी (NIFTY) का पूरा नाम नेशनल फिफ्टी (National Fifty) है। बीएसई पर लगभग 5439 कंपनियां लिस्टेड है, लेकिन सेंसेक्स उनमें से सबसे बड़ी 30 कंपनी के परफॉर्मेंस को बताता है। इसी तरह एनएससी पर लगभग 1952 कंपनियां लिस्टेड है पर निफ्टी उनमें से सबसे बड़ी 50 कंपनियों के परफॉर्मेंस को बताता है।

इंडेक्स (Index) कैसे बनाया जाता है?

इंडेक्स कंस्ट्रक्शन के कई तरीके होते हैं परंतु इंडिया में जो तरीका फॉलो होता है। उसे हम फ्री फ्लोट मेथड कहते हैं। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही फ्री फ्लोट मेथड पर बेस्ट इंडेक्स है। इस मेथड से बने हुए इंडेक्स में वैसी कंपनियों को ही रखा जाता है जिनका फ्री फ्लोट मार्केट कैप सबसे ज्यादा होता है।

फ्री फ्लोट मार्केट कैप निकालने का तरीका है – फ्री फ्लोट मार्केट कैप × फ्री फ्लोट शेयर की संख्या एक शेयर का दाम

फ्री फ्लोट शेयर्स वैसे शेयर्स होते हैं जो पब्लिक के पास ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं।

उदाहरण के लिए मान लेते हैं किसी कंपनी ने मालिक ने अपनी कंपनी को टोटल 10 करोड़ शेयर्स में बाँट दिया और आईपीओ (IPO) के टाइम पर 10 करोड़ में से 1 करोड़ शेयर्स पब्लिक में बेच दिया। यहां पर फ्री फ्लोट शेयर्स एक करोड़ होंगे, क्योंकि यह एक करोड़ शेयर्स ही पब्लिक के पास ट्रेड करने के लिए उपलब्ध है। अगर कंपनी के एक शेयर का दाम ₹10 है तो फ्री फ्लोट मार्केट कैप के फार्मूले से कंपनी का फ्री फ्लोट मार्केट कैप 10 करोड़ हो जाएगा। इसी मेथड से सेंसेक्स में 30 सबसे ज्यादा फ्री फ्लोट मार्केट कैप वाली कंपनियों को रखा गया है और एनएसई में 50 सबसे ज्यादा फ्री फ्लोट मार्केट कैप वाली कंपनियों को रखा गया है।

सेंसेक्स(SENSEX) और निफ्टी (NIFTY) की वैल्यू ऊपर नीचे कैसे होती है।

जब सेंसेक्स और निफ्टी का फ्री फ्लोट मार्केट कैप पिछले दिन के तुलना में ऊपर या नीचे होता है तो सेंसेक्स और निफ्टी भी उसी परसेंटेज से ऊपर या नीचे होती है।

सेंसेक्स और निफ्टी का महत्व

किसी भी स्टॉक मार्केट इंडेक्स को उसे देश की इकोनॉमी का बैरोमीटर कहा जाता है। क्योंकि कोई भी इंडेक्स उस देश में सबसे बड़ी कंपनियों के परफॉर्मेंस को बताता है। इंडिया में सेंसेक्स और निफ्टी के परफॉर्मेंस को देखकर हम इंडिया की इकोनॉमी का हाल बता सकते हैं। लंबी अवधि में बढ़ता हुआ इंडेक्स अर्थव्यवस्था विकास दर को बताता है। वही लंबी अवधि में कम हुआ इंडेक्स इकोनॉमिक्स स्लो डाउन को बताता है। इन वजह से एक स्टॉक मार्केट इंडेक्स जनरल इकोनामिक हेल्थ को समझने के लिए बहुत ही जरूरी हो जाता है।

दोस्तों,आज के इस पोस्ट मे हमने जाना की सेंसेक्स और निफ्टी क्या होते हैं, उनकी वैल्यू ऊपर के नीचे कैसे जाती है और सेंसेक्स और निफ्टी कितने इंपॉर्टेंट है।

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