नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से एक नए पोस्ट Motivational Poem in Hindi के साथ हाजिर है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
दिन जल्दी जल्दी ढलता है
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंज़िल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंछी भी जल्दी-जल्दी चलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगे
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को,
भरता उर में विह्वलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
तुम मन की आवाज सुनो
Poem in Hindi Motivational
तुम मन की आवाज सुनो,
तुम मन की आवाज सुनो,
जिंदा हो, ना शमशान बनो,
पीछे नहीं आगे देखो, नई शुरुआत करो।
मंजिल नहीं, कर्म बदलो,
कुछ समझ ना आए, तो गुरु का ध्यान करो,
तुम मन की आवाज सुनो।
लहरों की तरह किनारों से टकराकर,
मत लौट जाना फिर से सागर,
साहस में दम भरो फिर से,
तुम मन की आवाज सुनो।
सपनों को देखकर आंखें बंद मत करो,
कुछ काम करो, सपनों को साकार करो,
तुम मन की आवाज सुनो।
इम्तिहान होगा हर मोड़ पर,
हार कर मत बैठ जाना किसी मोड़ पर,
तकदीर बदल जाएगी अगले मोड़ पर,
तुम अपने मन की आवाज सुनो।
गिरना भी अच्छा है – Motivational Poem in Hindi
गिरना भी अच्छा है,
औकात का पता चलता है,
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को,
अपनों का पता चलता है!
जिन्हे गुस्सा आता है,
वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है,
सीख रहा हूँ मैं भी, मनुष्यों को पढ़ने का हुनर,
सुना है चेहरे पे किताबो से ज्यादा लिखा होता है।
कोशिश करने वालों की
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, बार बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर एक बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
मत हार, कर प्रतिकार
Motivational Poems in Hindi For Students
मत थक, कर प्रयास, सिंधु में फिर से,
मोती तलाश तुम अजय हो, दृढ़ हो, यहां प्रभु, का ही तो वंश हो,
मत हार, कर प्रतिकार,
हिम गिरि से फिर कर, दो दो हाथ, तुम पावन हो,
प्रचंड हो, यहां प्रभु, का ही तो अंश हो,
मत भाग, कर विधान, रण न त्याग,
कर अन्य व्यूह निर्माण तुम जीवन हो,
ज्ञान हो, यहां प्रभु, की ही तो संतान हो,
मत हो निराश व हताश, कर प्रहार,
अस्त्र मत डाल, कर विजय की फिर हूंकार, तुम विराट हो,
शक्तिमान हो, यहां प्रभु शक्ति, का ही तो प्रमाण हो।
जिन राहों पर दुश्मनों की निगाह होती है,
वो राहें ही हमारे लिए सर्वोपरि होती हैं !
मुश्किलों के राह मे चलने के कारण,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं।
लोगों को कुछ पाने की तड़प होती है,
पर उनकी ये ख्वाब पूरी नहीं होती है!
चूंकि उनके जीवन में आलस्य होती हैं,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
बीते हुए समय कभी नहीं लौटते हैं,
उन राहों में अपने भी खो जाते हैं!
फूलों और कांटों के ऊपर बनी,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं!!
काबिलियत से ही लोगों की पहचान होती है,
कर्मों से ही सपने स्वीकार होती हैं!
उन सब कर्मों को आज का अभी करें क्योंकि,
वे राहें ही इंसान की असल मंजिल होती हैं।
क्या खोजते हो?
क्या खोजते हो दुनिया में,
जब सब कुछ तेरे अन्दर है।
क्यों देखते हो औरों में,
जब तेरा मन ही दर्पण है।
दुनिया बस एक दौड़ नहीं,
तू भी अश्व नहीं है धावक ।
रुक कर खुद से बातें करले,
अन्तर मन को शान्त तो करले ।
सपनों की गहराई समझो,
अपने अन्दर की अच्छाई समझो।
स्वाध्याय की आदत डालो, जीवन को तुम खुलकर जीलो।
आलस्य तुम्हारा दुश्मन है तो,
पुरुशार्थ को अपना दोस्त बनालो ।
जीवन का ये रहस्य समझलो,
और खुशीयों से तुम नाता जोड़ो।
सपनों में रख आस्था
सपनों में रख आस्था कर्म तू किए जा,
त्याग से ना डर आलस परित्याग किए जा।
गलती कर ना घबरा गिरकर फिर हो जा खड़ा।
समस्याओं को रास्तों से निकाल दे,
चट्टान भी हो तो ठोकर से उछाल दे ।
रख हिम्मत तूफानों से टकराने की,
जरूरत नही है किसी मुसीबत से घबराने की।
जो पाना है बस उसकी एक पागल की तरह चाहत कर,
करता रह कर्म मगर साथ में खुदा की इबाबत भी कर ।
फिर देख किस्मत क्या क्या रंग दिखलाएगी,
तुझको तेरी मंजिल मिल जाएगी, मंजिल मिल जाएगी।
कुछ करना है, तो डटकर चल।
थोड़ा दुनियां से हटकर चल। लीक पर तो सभी चल लेते है।
कभी इतिहास को पलटकर चल ॥
बिना काम के मुकाम कैसा ?
बिना मेहनत के, दाम कैसा?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल तो राह में,
आराम कैसा? अर्जुन सा, निशाना रख।
मन में, ना कोई बहाना रख ! लक्ष्य सामने है, बस उसी में अपना ठिकाना रख ॥
सोच मत, साकार कर।
अपने कर्मो से प्यार कर ।
मिलेगा तेरी मेहनत का फल।
किसी ओर का ना इंतज़ार कर जो चले थे,
अकेले उनके पीछे आज मेले है,
जो करते रहे इंतज़ार उनकी जिंदगी में आज भी झमेले है।।
कोशिश कर
Best Motivational Poem in Hindi
कोशिश कर, हल निकलेगा।
आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर सा सध,
मरुस्थल से भी जल निकलेगा ।।
मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा।
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा।
जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा थमाँ सा, चल निकलेगा।
सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे,
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे,
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे,
वो शख्स मुझ को कोई जालसाज़ लगता हैं,
तुम उसको दोस्त समझते हो फिर भी ध्यान रहे,
मुझे ज़मीं की गहराइयों ने दबा लिया मैं,
चाहता था मेरे सर पे आसमान रहे।
अब अपने बिच मरासिम नहीं अदावत है,
मगर ये बात हमारे ही दरमियाँ रहे।
सितारों की फसलें उगा ना सका कोई,
मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे।
वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा,
दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।
कमज़ोर नहीं तुम
ख़ुद की भी लिखी हर एक बात से मुकर जाता हूँ मैं,
कभी ना चाहा था जो, वही सारे काम कर जाता हूँ मैं,
क्या हुआ है मुझे जो क्यों खुद से भी इतना नाराज़ हूँ,
क्यों फिर ज़रा सी तन्हाई पाकर भी बिखर जाता हूँ मैं,
खामोशी तो फितरत में थी मेरे तो आज क्या नया हुआ.
क्यों फिर अब बात बात पर, ख़ुद से भी बिछड़ जाता हूँ मैं,
हर फैसले पर हज़ार बार सोचने की आदत से परेशान था,
क्यों अब यूँ बेफिक्र हो, आवारगी करने पर उतर जाता हूँ मैं,
हर एक ग़ज़ल में लिखता हूँ “साकेत” कि कमजोर नहीं तुम,
कैसे फ़िर खुद की लिखी इस बात से भी, मुकर जाता हूँ मैं।
ज़माने को चलो बदलते हैं
ज़माने को चलो बदलते हैं, एक नए दौर की और चलते हैं,
जीवन ही कुछ के अपूर्ण हैं, इस बात को मानते हैं।
पुकार को सुनते हैं, चीख को नहीं ललकारते हैं,
परंपरा के आवरण में छुपे हर भेद को उभारते हैं।
उड़ान से लिंग का रिश्ता क्या? ऐसे प्रश्न खुद से पूंछते हैं,
‘मेरा सच’ और ‘सच्चाई’ के अंतर को पहचानते हैं।
निरंतर समाज की सृष्टि के लिए निरंतर कदम उठाते हैं,
एक श्रेष्ठ नहीं एक जुट चलो ज़माने को बदलते हैं।
सच है विपत्ति जब आती है
सच है विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते, पल एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं, कांटों में भी राह बनाते हैं।
है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके वीर नर के मग में,
खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है, तो पत्थर पानी बन जाता है।
कल सूरज निकलेगा
Motivational Poem in Hindi
आज तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा।
है ढला है जो आज सूरज, कल सुबह निकलेगा।
माना तेरी मंजिल है, इन लोहो की जंजीरो में ।
पर तू तपेगा जब तेरी तपन से, वो लोहा भी पिघलेगा।
मंजिलो के रास्तो में कांटे तो सभी के ।
पर तेरे अंदर जूनून है, तो तू कांटो पर चलेगा।।
माना आज तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा ।
ढला है आज सूरज, कल सुबह निकलेगा ।।
हवाए विपरीत क्यों ना चले, तू कदम कदम बढ़ेगा ।
तुझे है कल लिए तैयार होना, तो आज तो गिरेगा।।
तेरी कोशिश देख हवाओ का रुख, एक रोज तो बदलेगा ।
माना आज तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा ।।
ढला है आज जो सूरज कल सुबह निकलेगा।
कदम बढाओ तो सही
राह में मुश्किल होगी हजार तुम दो कदम बढाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार तुम चलो तो सही,तुम चलो तो सही।
मुश्किल है पर इतना भी नहीं कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं कि तू पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा, तुम्हारा भी सत्कार होगा,
तुम कुछ लिखो तो सही,तुम कुछ आगे पढ़ो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
सपनों के सागर में कब तक गोते लगाते रहोगे तुम,
एक राह है चुनो तो सही,तुम उठो तो सही, तुम कुछ करो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
कुछ ना मिला तो कुछ सीख जाओगे, जिंदगी का अनुभव साथ ले जाओगे,
गिरते पड़ते संभल जाओगे फिर एक बार तुम जीत जाओगे।
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
खुद की काबिलियत पर भरोसा रख
खुद की काबिलियत पर भरोसा रख,
जो गलती आज की है उससे सीख,
मत मांग किसी के आगे अपनी सफलता के लिए भीख तू,
जलता हुआ रेगिस्तान है तेरे अंदर कुछ करने की ठान है तू रूक मत,
तुझे करना कुछ महान है।
तू अपने घर वालों की आस है,
उनकी उम्मीदों की सांस है,
इनको यूं ही नहीं जाया करना है,
तुझे अपनी सफलता के लिए लड़ना है।
जो जग को ज्योति बांटे तू ऐसा प्रकाश बन,
मुश्किल से लड़ने के लिए द्वारिका का नाथ बन,
जो कभी ना रुके वह गंगापुत्र भीष्म बन,
चुनौती को स्वीकार करने वाला छत्रिय वीर बन,
बातों की कटार से शत्रु लहूलुहान कर मंजिल रोकने वाले असुरों का तू संघार कर !
सपनों में उड़ान भर
Short Motivational Poem in Hindi
कुछ काम करो, न मन को निराश करो पंख होंगे मजबूत,
तुम सपनों में साहस भरो, गिरोगे लेकिन फिर से उड़ान भरो,
सपनों में उड़ान भरो।
तलाश करो मंजिल की, ना व्यर्थ जीवनदान करो,
जग में रहकर कुछ नाम करो, अभी शुरुआत करो,
सुयोग बीत न जाए कहीं, सपनों में उड़ान भरो।
समझो खुद को, लक्ष्य का ध्यान करो,
यूं ना बैठकर बीच राह में, मंजिल का इंतजार करो,
संभालो खुद को यूं ना विश्राम करो, सपनों में उड़ान भरो।
उठो चलो आगे बढ़ो, मन की आवाज सुनो,
खुद के सपने साकार करो,
अपना भी कुछ नाम करो,
इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करो, सपनों में उड़ान भरो।
बहक जाएं गर कदम, तो गुरु का ध्यान करो,
तुम पा ना सको ऐसी कोई मंजिल नहीं,
हार जीत का मत ख्याल करो,
अडिग रहकर लक्ष्य का रसपान करो, सपनों में उड़ान भरो।
सबको मात दे जाएगा
Poem Motivational in Hindi
वजूद तेरा जो मिटाने चला कोई,
वो खाक में मिल जाएगा,
शोला है तू आग है वो,
जो उन सब को राख कर जाएगा।
जो चाही है मंजिल तूने,
उस तक लड़कर ही जा पाएगा,
मुसीबत लाख आए पथ पर,
उन सबको मात दे जाएगा।
वजूद तेरा जो मिटाने चला कोई,
वो खाक में मिल जाएगा,
शोला है तू आग है वो,
जो उन सब को राख कर जाएगा।
क्यों सोचता है अकेला है तू,
वहां तक ना पहुंच पाएगा,
जब खुद खुदा है तेरे साथ,
तो तू अकेला कहां रह जाएगा।
क्यों जन्म हुआ इस धरा पर
हर रोज ढलता है दिन और हर रोज सुबह होती है,
पत्तो पर पड़ी शीप भी कभी तड़प पड़प कर रोती है।
जैसे भी हालत हो उसके फिर भी वो अपनी चमक नहीं खोती है ।
तू इंसान हार जाता है अपनी परेशानियों से टूट कर,
बिखर जाता है अपनी नादानियों से ।
भूल जाता है तू आया क्यों इस धरा पर,
क्यों जन्म हुआ इस धरा पर।
मन के बस में आ कर गलतिया करने लगता है,
अपनों का और खुद का दुसमन बनाने लगता है।
कुछ करना है, तो डटकर चल।
थोड़ा दुनियां से हटकर चल।
लीक पर तो सभी चल लेते है।
कभी इतिहास को पलटकर चल ॥
बिना काम के मुकाम कैसा ?
बिना मेहनत के, दाम कैसा?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल तो राह में, आराम कैसा?
अर्जुन सा, निशाना रख।
मन में, ना कोई बहाना रख !
लक्ष्य सामने है,
बस उसी में अपना ठिकाना रख ॥
सोच मत, साकार कर।
अपने कर्मों से प्यार कर।
मिलेगा तेरी मेहनत का फल।
किसी ओर का ना इंतज़ार कर।
जो चले थे अकेले उनके पीछे आज मेले है।
जो करते रहे इंतज़ार,
उनकी जिंदगी में आज भी झमेले है।
एक चिंगारी..
Best Poem in Hindi Motivational
दहकती हुई ज्वाला न सही एक चिंगारी ही जलाये रखना।
मंजिल भले दूर क्यो न हो नज़रे रास्तो पर गड़ाये रखना।
कोई लाख साजिश करे गिराने की इरादे फौलादी बनाये रखना।
कर बुलंद खुद का हौसला उम्मीद की आग भड़काये रखना।
हिम्मत नही हारना कभी खुद पर बिश्वास सजाये रखना।
मजबूरियां बहुत है पर रुकना नही है
हो सकें तो सबके दिल में, उम्मीदों के दिए जलाना।
अहम कर खुद पर, बस अपनी ही ना चलाना।
हो सके तो सबकी, उम्मीदों पर उतरना।
नाकाम हुए जो इरादे, फिर भी तुम ना बिखरना।
हो सके तो सबसे, उम्मीद ना लगाना।
खुद पर कर विश्वास, अपनी ज़िन्दगी को रंगों से सजाना।
आज की ये पोस्ट Motivational Poem in Hindi आपको कैसी लगी ये आप कमेन्ट करके जरूर बताइएगा। हम आगे भी आपके लिए ऐसे ही मजेदार पोस्ट आपके लिए लेकर आते रहेंगे।
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