नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल (Ignore Shayari) इग्नोर शायरी है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आएगा और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
मैं कैसा हूँ ये कोई नहीँ जानता,
मै कैसा नहीँ हूँ ये शहर का हर शख्स बता सकता है।
लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पर रोती है,
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।
फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का,
न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है।
अब उठाएंगे हम तेरे नखरे भरे बाजार में,
भूषा बेच दिए हैं आज साढ़े छः हजार में।
कसूर तो बहुत किये ज़िन्दगी में,
पर सज़ा वहाँ मिली जहाँ बेक़सूर थे हम।
अपने ख्यालों में रुला दिया है तुझें,
अब सुकूँ से जियूँगा भुला दिया है तुझे।
जो थोड़ा सा भी किसी और का है,
वो ज़रा सा भी मुझे नहीं चाहिए।
Ignore Shayari in Hindi 2 Lines
जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर,
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर
तुम गुजर जाओ करीब से,
वो भी मुलाकात से कम नहीं है।
हम मर्द है हमारी हस्ती का इतना तो रौब हो,
गुजरे जिस औरत के पास से तो वो बे खौफ हो।
ख्वाइश थी की वो मुझे याद करे मेरी,
तरह ख्वाइश थी ख्वाइश ही रह गई।
जिस्मानी मोहब्बत को दूर करते है,
चलो रूह से रूह का निकाह करते है।
किसी दिन हाथ धो बैठोगे हम से,
तुम्हें चस्का बहुत है बे-रुखी का।
खुश नसीब होते है जिस पर हमारा दिल आता है,
नही तो मुद्दतो गुजर जाती है हमे खयाल नही आता है।
हम हंसने की आरजू में फिरते रहे दरबदर,
हाल खुद का देखा तो खुद पर हंसी आ गई।
Ignore Love Shayari
दिल को किसी चीज पर आमादा मत करना,
करना मगर मोहब्बत जियादा मत करना।
कैसे सो पायेगी वो आँखे,
जिसमे कोई जाग रहा हे।
सबसे मुस्किल तो वो कहानी है,
जो किसी को नही सुनानी है।
अकेले खड़े होने का साहस रखो,
दुनियां ज्ञान देती है साथ नहीं।
तू मेरे साथ होगा तो क्या कहेगा जमाना,
मेरी यही एक तमन्ना और तेरा यही एक बहाना।
दिल की हर बात कहने से कतराते है,
हम लड़के भी कभी कभी शरमाते है।
कहा अब वो पहले जैसी यारियां है,
सब के सर पर सिर्फ जिमेदारिया है।
मैने रंग दिया है हर पन्ना तेरी यादों से,
मेरी डायरियों से पूछ इश्क़ किसे कहते हैं।
Ignore Wali Shayari
देखने के लिए पूरी कायनात भी कम है,
चाहने के लिए सिर्फ एक चेहरा भी बहुत है।
सच्चे रिश्ते कुछ नहीं मांगते,
सिवाय वक्त ओर इज्जत।
सियासत बहुत बुरी चीज है यहां कोई किसी का नही है,
बाते सबकी बड़ी-बड़ी है आदमी काम का कोई नही।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
मेरी जान मै ये नही कहता के मुझसे वफा कीजिए,
आइए हमसे से दिल लगाइए और तबाह कीजिए।
मजबूरी की दीमक लग गयी अब मेरी किताबों में,
मेरे हिस्से का इल्म अब यतीम हुआ जा रहा है।
चुपचाप चल रहे थे जिंदगी के सफर में,
तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गए।
तुम्हें टालकर तेरे इश्क को दिल से निकाल कर,
हम मुस्कुराते हैं मेरी जाॅं हंसी हवा में उछालकर।
Ignore Sad Shayari in Hindi
तुम्हारी याद ऐसे महफूज है मेरे दिल मे,
जैसे किसी गरीब ने रकम रखी हो तिजोरी मे।
बड़े-बड़े आशिकों की डूब जाती है नैया,
जब लड़की बोलती है थैंक्यू भैया।
एक बार मोहब्बत की थी,
उसके बाद सौ बार तौबा किया।
नज़रे मिली और नज़रे झुकी,
इतनी सी बात और हम बर्बाद।
इसलिए करते है कम जिक्र तुम्हारा,
कही तुम खास से आम ना हो जाओ।
में तुमसे एक दिन काम जीना चाहता हूं,
ताकि मुझे तुम्हारे बिना न जीना पड़े।
दिल दिया है तुझे जान भी देंगे,
थक जाएगी बर्तन धोते-धोते इतना काम देंगे।
सारा वजूद खुशबुओं से तरबतर हो गया,
वो मेरे ज़ेहन से गुज़री और मैं इतर हो गया।
Ignore Karna Shayari
दरिया जज्बातों का उमड़ता तो बहुत है,
पर भावनाओं में आजकल बहता कोन है।
कठपुतली के दर्द को भला किसने जाना है,
डोर नचाती है और खुश होता ज़माना है।
में कतरा कतरा फना हुआ में जर्रा जर्रा बिखर गया,
ए जिंदगी तुझसे मिलते मिलते मे अपने आप से बिछड़ गया।
इश्क कोई घाव नही जो भर जाएगा रिवाज है साहब,
हीर के बगैर रांझा तो मर ही जायेगा।
जब लाज़िम है होना तब क्यों नही होता,
इस नफरत को कोरोना क्यों नही होता।
राह की धूप बड़ी काम आई,
छांव होती तो सो गए होते।
ग़म छिपाने के सौ तरीक़ों में,
मुस्कुराना ही सबसे मुश्किल है।
मेरे एहसासों को में भी अल्फाज देना चाहता हूं,
में दिल से काम लेता हु बस यही हार जाता हूं।
Sad Ignore Shayari
जब इकरार ए मोहब्बत आंखो से बयान होता है,
तब जुबान बेजुबान और दिल बेकाबू होता है।
ऐसे मेरे ग़मों में अकेला हूं मैं,
वैसे मेरी कहानी में सौ आदमी हैं।
रेत हो कर भी हमे इश्क हुआ समंदर से,
उपर तो सिमटे रहे बस बिखर गए अंदर से।
चाँद आहें भरेगा फूल दिल थाम लेंगे,
हुस्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगे।
तेरा ख़ुदा समझता है दर्द तेरा,
तू ग़ैरों को समझाने में वक़्त जाया न कर।
मैं आवाज़ नहीं दूंगी तो वो रुकेगा ही नहीं,
उस-सा इश्क़ इस जहां में कोई करेगा ही नहीं।
लोग तो मुझे मेरी खूबियां गिनाते हैं
फिर क्यों मेरे यार को मुझमें सिर्फ़ कमियां ही नज़र आती हैं।
सुना है उसने भी मुझे पाने की दुआ मांगी है इस तरह,
ए खुदा वो मेरा हो जाए में उसकी हु जिस तरह।
Ignore Karne Wali Shayari
उसकी यादें हर पहर नज़र रखने लगी है ऐसे,
चांदनी रात में चकोर का संग हो जैसे।
फ़ना तो मैं भी होना चाहती हूँ,
पर शायद तुझमें वो जज़्बात नहीं।
कमबख़्त दुश्वारी तो देखो तन्हाई की,
महफ़िल-ए-शायरी में भी वस्ल-ए-यार नज़र आता है।
तुम अपने प्यार का गुल्लक यूँ ही खुला रखना,
मैं अपनी मोहब्बत का सिक्का डालता रहूँगा।
मुझे खौफ कहां मौत का,
मैं तो ज़िंदगी से डर गया हूं।
ये मेरा ख्याल गर तेरा हम-ख्याल हो जाएँ,
रूबरू तुझसे ये मेरे दिल का हाल हो जाएँ।
वक़्त बुरा हो तो मेहनत करना,
वक़्त अच्छा हो तो मदद करना।
मुझे नही मतलब कौन किसके साथ कैसा है ,
जो मेरे साथ अच्छा है वो मेरे लिए अच्छा है।
Ignore Shayari Hindi
इश्क़ के समंदर में उनसे गहरा उतरा नहीं जाता,
वो दिल तक आ जाते हैं उनसे ठहरा नहीं जाता।
पीतल की बालियों में बेटी ब्याह दी,
बाप मज़दूर था सोने की खान में।
मेरा बुरा वक्त अभी लंबा चलेगा,
जिसको छोड़ कर जाना है चला जाए।
उठा कैमरा और खींच मेरी तस्वीर,
गरीब लोग हर रोज नहीं मुस्कुराया करते।
सबके मतलब जब निकल गए,
जाने क्यों सब लोग बदल गए।
सब्र कर जरा ए दिल ख़ुशी का पहर भी आएगा,
ढूँढ़ता रहा तू जिसको उसका शहर भी आएगा।
इसलिए साध ली थी चुप मैंने,
इससे बेहतर कलाम मेरे पास था ही नहीं।
खामोशियां कभी बेवजह नहीं होती,
कुछ दर्द ऐसे भी होते है जो आवाज़ छीन लेती है।
उनके उनसे भी मिलें और मुस्कुराकर भी मिलें,
ख़ुदकुशी भी यानि वो जो ख़ुदकुशी भी ना लगे।
दिल को कागज समझ रखा है क्या,
आते हो जलाते हो चले जाते हो।
संवरती है वो आइना देख कर,
संवर जाए तो आइना देखता है।
Ignore Shayari in Hindi
वो किताब लुटाने का बहाना तो लाखो में था,
लोग ढूंढते रहे सबूत पैगाम तो आंखो में था।
मैं वह नहीं हूँ जो दिखता हूँ,
मैं वह हूँ जो लिखता हूँ।
कितनी अजीब सी बेताबी है तेरे बिना,
रह भी लेते है और रहा भी नहीं जाता।
हवा से उल्टा चलेंगे हरदम नदी की धारा नहीं बनेंगे,
अगर बने तो बनेंगे सागर मगर किनारा नहीं बनेंगे।
जैसे कदम महफिलों मैं बढ़ाती जाओगी,
दूरियां अपने रिश्तों मैं खुद लाती जाओगी।
इल्जाम मुझ पर लगाती है गुनहगार खुद को समझती है,
वो बेइंतेहा मोहब्बत करती है मुझसे और रो पढ़ती है।
जब इकरार ए मोहब्बत आंखो से बयान होता है,
तब जुबान बेजुबान और दिल बेकाबू होता है
तुम्हे जो भी चाहिए खुदा वो अता करेगा,
तुम्हारे लिए ये फकीर दिल से दुआ करेगा।
Ignore Shayari
तुझे पाने की कोशिश मे इतना कुछ खो चुका हूँ मैं,
कि तू अगर मिल भी जाए तो अब मिलने का भी ग़म होगा।
सियासत को लहू पीने की लत है,
वरना मुल्क में सब खैरियत है।
ढुढो सुकून तोह ख़ुद में है,
दूसरो में सिर्फ उलझन मिलेगी।
कहा अब वो पहले जैसी यारियां है,
सब के सर पर सिर्फ जिमेदारिया है।
खामोशी से सीख लिया मैंने खुद खामोश रहना
लफ्जो से भर आते हैं अक्सर खुद के मेरे नैना
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
मोहब्बत मे झुकना कोई बड़ी बात नही है,
अक्सर सूरज डूब जाता है चांद के लिए।
उनके मुताबिक तो हम अच्छे थे,
अपने मुताबिक हुए तो तोहमते मिल रही है।
आज कल मोहब्बत मैं ये आम हो गया है,
कपड़ो को तरह मेहबूब बदलना रोज का काम हो गया है।
बुरे वक्त के तो चर्चे हज़ार होते हैं,
बस साथ भी अपने यार होते हैं।
बात अजीब भी है मगर बहुत खूब भी है,
मेरा महबूब किसी और का महबूब भी है।
राह की धूप ही तो हौसले से चलना सिखाती है,
छांव तो हमेशा ही तुम्हें सही मंजिल से भटकाती है।
इश्क करो ना करो सख्त लहजे में बात ना करो तुम,
महबूबा हो फकत हमारी हमारी माँ नही हो तुम।
जिस्म में हरकत को जान कहते हैं,
चेतना में हरकत को इंसान कहते हैं।
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