Desh Bhakti Poem in Hindi: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से एक नए पोस्ट Desh Bhakti Poem in Hindi के साथ हाजिर है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
आज से आजाद अपना देश फिर से !
ध्यान बापू का प्रथम मैंने किया है,
क्योंकि मुर्दों में उन्होंने भर दिया है
नव्य जीवन का नया उन्मेष फिर से !
आज से आजाद अपना देश फिर से !
दासता की रात में जो खो गये थे,
भूल अपना पंथ, अपने को गये थे,
वे लगे पहचानने निज वेश फिर से !
आज से आजाद अपना देश फिर से !
स्वप्न जो लेकर चले उतरा अधूरा,
एक दिन होगा, मुझे विश्वास, पूरा,
शेष से मिल जाएगा अवशेष फिर से !
आज से आजाद अपना देश फिर से !
देश तो क्या, एक दुनिया चाहते हम,
आज बॅट-बॅट कर मनुज की जाति निर्मम,
विश्व हमसे ले नया संदेश फिर से !
आज से आजाद अपना देश फिर से !
देशभक्ति कविता
यूं तो एक चिंगारी – देशभक्ति कवितायें
यूं तो एक चिंगारी
मंगल पांडे ने सुनवाई थी
यह अलग बात है
उन्होंने सफलता नहीं पाई थी
पर हां अन्याय के खिलाफ
आवाज तो उठाई थी
झांसी की रानी भी
रण क्षेत्र में उतर आई थी
माना दामोदर को इंसाफ
नहीं दिला पाई थी
ना जाने कितने शहीदों ने
जान अपनी गवाही थी।
देशभक्ति के विषय पर बेहतरीन कविता
फुल हम तू है चमन
तुझको नमन मेरे वतन
फूल हम तू है चमन
तेरी रक्षा को करें गमन
तुझसे ही है यह तन मन
आंख जो कोई उठाए
आग दरिया में लगाएं
दुश्मन को दौड़कर भगाए
तिरंगे को हमेशा
चारों दिशाओं में फैलाएं
तेरी खातिर मर भी जाएं
जान पर अपनी खेल जाएं
तुझको नमन मेरे वतन
फुल हम तू है चमन।
10 Desh Bhakti Poem
देशभक्ति का पाठ – देशभक्ति कवितायें
आजादी हो गई है
बूढ़ी उम्र हो गई साठ
आज के बच्चे कैसे समझे
देशभक्ति का पाठ
ना कोई बापू ना चाचा
ना इकलाब का नारा
अब तो युवाओं को भाए
एश सुष्मिता लारा
अंग्रेजों ने भारत छोड़ा
अब हम भारत छोड़े
डॉलर डॉलर रट लगाकर
अमेरिका को दौड़े।
Desh Bhakti Kavita in Hindi
अपनी एकता से विश्व को हिलाएंगे
हम भारतवासी मिलकर इतिहास रचाएंगे,
साथ ईद और होली को हम लाएंगे,
फिर भगत और सुभाष कोई आएंगे,
बहुत हुआ धर्म जातियों में बंट जाना
भाई भाई का आपस में ही कट जाना,
यही रहा तो गैर फायदा उठाएंगे,
फिर भगत और सुभाष कोई आएंगे।
चलेंगे साथ तो धरा भी कांप जाएगी,
हमारे दुश्मनों को नींद कहां आएगी,
हम अपनी एकता से विश्व को हिलाएंगे,
विश्व में तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।
Short Desh Bhakti Poem in Hindi
हम होंगे कामयाब एक दिन
होंगे कामयाब,
हम होंगे कामयाब एक दिन,
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
हम होंगे कामयाब एक दिन ।
हम चलेंगे साथ-साथ
डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन,
मन में है विश्वास पूरा है विश्वास,
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन।
होगी शांति चारों ओर एक दिन,
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
होगी शांति चारों और एक दिन।
नहीं डर किसी का आज एक दिन,
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
नहीं डर किसी का आज एक दिन ।
Desh Bhakti Poem in Hindi
कहां हो मेरे गांधी जी
कहां हो मेरे गांधी जी,
इक बार लौट कर आओ ना,
नींव जीत की डाली थी,
तो पूरा आज़ाद कराओ ना,
गुलाम नहीं अंग्रेज़ो के अब हम,
पर गद्दारों से मुल्क बचाओ ना।
कहां हो मेरे गांधी जी,
इक बार लौट कर आओ ना,
ना बहे खून धर्मो के खातिर,
सब में वो लहु बहाओ ना,
भूल गए सब नीति तुम्हारी,
सबको फिर याद दिलाओ ना।
कहां हो मेरे गांधी जी,
इक बार लौट कर आओ ना,
भारत मां के टुकड़े ना हो,
ऐसे जज़्बात जगाओ ना,
थामे तिरंगा गर्व से सब,
ऐसा कोई भारत बनाओ ना,
कहां हो मेरे गांधी जी,
इक बार लौट कर आओ ना।
जोश भर देने वाली देशभक्ति कविता
हम भारतवासी – देशभक्ति कवितायें
तन्हाइयों में भी अक्सर
हम खुशियां ढूंढ लिया करते हैं,
हम दोस्ती के लिए
जान तक दे दिया करते हैं।
फरेब से हमें सक्त नफरत है,
अंधेरों में भी चिराग जला दिया करते हैं।
दुश्मन को भी हम
अपने घरों में पनाह दिया करते हैं,
जो दोस्ती का हाथ बढ़ाये
उसे सीने से लगा लिया करते हैं।।
हम भारत के रखवाले
हम भारत के रखवाले हैं
हम बच्चे छोटे-छोटे हैं,
हम साहस, हिम्मत वाले हैं।
है गर्व हमें भारत माँ पर,
हम भारत के रखवाले हैं।
हम में लहरों का जोश भरा है,
हम में पर्वत सी ऊँचाई।
हम में नदियों की चंचलता,
हम में सागर सी गहराई ।
हम बच्चे अपनी ताकत से,
तूफानों की दिशा मोड़ दें।
आसमान धरती पर रखे हैं,
जग के सब प्रतिबन्ध तोड़ दें।
हम ठोकर पर रखते अपनी,
इस धरती का वैभव विशाल ।
हमसे घबराते दुष्ट सभी,
हम हैं दुष्टों के महाकाल ।
Easy Desh Bhakti Poem in Hindi
मैं भारत का राष्ट्र भक्त हूं
मैं भारत का राष्ट्र भक्त हूं,
मैं अपना फर्ज निभाऊंगा,
जो सत्ता के लोभी है,
मैं उनको सिखाऊंगा।
देश बांटते जाति धर्म में,
उनको सबक सिखाना है,
मैं भारत का राष्ट्र भक्त हूं,
मुझे अपना फर्ज निभाना है।
लाया हूं पैगाम एकता का,
सबको यह पैगाम बताऊंगा,
बांट रहे देश स्वार्थ हित जो,
मुझे उनका शीश झुकाना है।
आज की ये पोस्ट Desh Bhakti Poem in Hindi आपको कैसी लगी ये आप कमेन्ट करके जरूर बताइएगा। हम आगे भी ऐसे ही मजेदार पोस्ट आपके लिए लेकर आते रहेंगे।
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