नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल दुखी शायरी (Dukhi Shayari) है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
मिलेंगे एक रोज़ तसल्ली से हम दोनों,
दरमियान से बस यह ज़िन्दगी गुज़र जाने दो।
चलो हँसने की कोई हम वजह ढूंढते हैं,
जिधर न हो कोई गम वो जगह ढूंढते है
याद ना दिलाओ वो पल इश्क़ का बड़ी लम्बी कहानी है,
मैं किसी और से क्या कहूं जब उनकी ही मेहरबानी हैं।
सहना कहना रहना बेवजह तेरे बिना यूँ जीना बेवजह,
आँखें तकें राहों को मगर ऐसे सफ़र का होना बेवजह।
साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है,
फिर शिकायत सिर्फ मोहब्बत से क्यों?
इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता,
कब से मैं नक़ाबों की तहें खोल रहा हूँ।
कितने अज़ीब लोग हैं?
बात पकड़ कर इंसान छोड़ देते हैं।
निखरि हैं मेरी मोहब्बत तेरी हर आजमाइश के बाद,
सवरता जा रहा है इश्क तेरी हर फरमाइश के बाद।
Love Dukhi Shayari
बाँधकर ज़ुबान मेरी कह रहा था वो ज़ालिम,
अब तुम्हे इजाज़त है हाल-ए-दिल सुनाने की।
तेरी सिर्फ एक झलक ने खरीद लिया हमें,
बहुत गुमान था हमें कि हम बिकने वालों में से नहीं हैं।
कई बार कसूर किसी का भी नही होता,
एक गलतफहमी खूबसूरत रिश्ते को भी तबाह कर जाती है।
नफरत सी क्यों होती है इस ज़माने से हमको,
मोहब्बत में तो उम्मीद किसी एक से ही की थी।
अब इस इश्क पर क्या लिखूं,
जब भी कुछ लिखता मुझे मेरी बर्बादी याद आती है।
मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था,
दिल के टुकड़े हो गये पर लोगो ने कहा वाह क्या निशाना था।
नफरत खुलकर और मुहब्बत छिपकर करते हैं,
हम अपनी ही बनाई दुनियां से कितना डरते है।
लोग पूछते हैं इतने गम में भी खुश क्युं हो,
मैने कहा दुनिया साथ दे न दे मेरी बहन तो साथ हैं।
Shayari Dukhi
खामोशियो का कहर होगा जब हद पार हो जाएगी,
मौत का क्या है वो तो कभी भी आ जाएगी।
एक तुम्हें ही देखने की चाह,
तन्हा रखती है ख्यालों की भीड़ में भी।
जब हँस कर कह दूं की ठीक हूं मैं,
तो समझ जाना रोने के बहुत क़रीब हूँ मैं।
उसे भनक भी नही की उसके दिए ,
दर्द को कोई इतना लिख रहा है।
कुछ अनकहे लफ़्ज़ों को कुचलकर निकलती हैं,
ये दूरियां भी रोज कातिल बनकर निकलती हैं।
तारीफे फिर सुन रहा हूं मै कुछ लोगो से,
लगता है फिर किसी को मुझसे काम पड़ने वाला है।
सूनसान सी लग रही है आज ये शायरों की महफ़िल,
क्या किसी के दिल में अब दर्द नहीं रहा।
एक बार पी थी चाय किसी के हाथ की,
सांसों में इलायची की महक आज भी है।
Dukhi Zindagi Shayari
दुरियां भी क्या क्या करा देती हैं,
कोई याद बन गया कोई ख्वाब बन गया।
तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए,
अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता।
मुझे रख दिया छाँव में खुद जलते रहे धूप में,
मैंने देखे है ऐसे फरिश्ते माता पिता के रूप में।
नीलाम कुछ इस कदर हुए बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज,
बोली लगाने वाले भी वो ही थे जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे।
मुझे पहले लगता था जाति मसला है,
मैं फिर समझ गया इश्क़ कायनाती मसला है।
कोई मुँह फेर लेता है तो क़ासिर अब शिकायत क्या,
तुझे किस ने कहा था आइने को तोड़ कर ले जा।
साथ देने की बात करते थे,
उनके साथ छोड़ने में भी उनका साथ दिया है ।
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल,
अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका।
Dukhi Dil Shayari
याद कर रहे थे बस शिकवे करने को तुमसे,
तुम आए तो इश्क़ है ये बात दोहरा दिए।
साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है,
फिर शिकायत सिर्फ मोहब्बत से क्यों?
सब यार सो गए, करवट अपनी अपनी,
बस एक रात है जो मुझसे बातें करती है।
यूं तो सिलसिला ए सुखन में न जाने कौन कौन था,
मीर भी गुज़रे ग़ालिब भी लेकिन जॉन जॉन था।
किसी गली में किराए पे घर लिया उसने,
फिर उस गली में घरों के किराए बढ़ने लगे।
रस्मे उल्फ़त ही इज़ाज़त नहीं देता वरना,
हम भी ऐसा तुम्हें भूलें के सदा याद करो।
मंजिल का नाराज होना जायज था,
तुम भी तो अनजान राहों से दिल लगा बैठे थे।
खुदा सलामत रखे उनकी आँखो की रौशनी ,
जिनकी नज़रों को हम चुभते बहुत है।
Dukhi Man Shayari
वो किसी और के होकर बोलती है,
तुम्हारी जगह कोई और नही ले सकता।
तेरे होंठो से गर इक काम लेना हो,
तेरे होंठो से हम बस इक दुआ लेंगे।
हम ने चलना छोड़ दिया अब उन राहों में,
टूटे वादों के टुकड़े चुभते है अब पांवो में।
प्रेम की उम्र नहीं होती ना ही दौर होता है,
प्रेम तो प्रेम है जब होता है बेहिसाब होता है।
उसने हँसते हुए तोड़ा था हमारा रिश्ता,
हम सभी को ये बताते हुए रो देते हैं।
सवालों में रहने दो मुझे,
यकीन मानों जवाब बहुत बुरे देता हुँ मै।
मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो,
मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।
कुछ लोग ज़रा देर में खुलते हैं किसी से,
पहली ही मुलाक़ात से मायूस न होना।
Dil Dukhi Shayari
कुछ मिला कुछ मिलते मिलते छूट गया,
शायद सपना था जो आंखें खुलते ही टूट गया।
वो लड़कर भी सो जाए तो उसका माथा चूमूँ मैं,
उससे मोहब्बत एक तरफ़ है उससे झगड़ा एक तरफ़।
तेरी खुशबू तेरी चाहत से दिल यूँ महरूम रहा,
बनारस रहकर भी कोई जैसे गंगा से दूर रहा।
माना कि अनमोल हैं हसरत-ए-नायाब हैं आप,
हम भी वो लोग हैं जो हर दहलीज़ पर नहीं मिलते।
पुछा किसी ने की याद आती है उसकी।।
मैं मुस्कुराया और बोला तभी तो ज़िंदा हूँ।
उसने बचा रखी है लाखो गुड़ियों की आबरू,
भगवान बरकत दे उस तवायफ के कारोबार को।
ना जाने किस कालेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने,
की मुझसे किये सारे वादे फर्जी निकले।
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री,
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया।
Dukhi Shayari in Hindi
गुज़ारो चंद लम्हें फुरसत से हमारे साथ,
तुम्हें भी तो मालूम हो तुम बिन कितने तन्हा हैं हम।
दिल तो करता हैं की रूठ जाऊँ कभी बच्चों की तरह
फिर सोचता हूँ कि मनाएगा कौन।
लोगों को पसंद नहीं है उसका गुस्सा करना,
मैं सच बताऊँ मुझे वो क़यामत लगती है गुस्से सी शकल में।
जबसे इम्तिहानों वाली जिंदगी खत्म हुई है,
तबसे ही जिंदगी में इम्तिहान शुरू हुए हैं।
वो कहते है ना कि कुछ बेहतर सोचो तो बेहतर ही होगा,
मैंने सोचा की तुम्हे ही सोचु तुमसे बेहतर क्या होगा।
हमने दुनिया के तमाम शहर देखे हैं साहब,
पर मेरा शहर,उनकी आँखों में बसता है।
अकेले बैठ कर रोने का अपना ही मजा है,
इश़्क का दर्द भी इश़्क के बराबर ही लगता है।
तेरी और मेरी रातों में बस इतना सा फर्क है,
की तेरी राते सो कर गुज़रती है और मेरी रो कर।
Dukhi Shayari
याद कर रहे थे बस शिकवे करने को तुमसे,
तुम आए तो इश्क़ है,ये बात दोहरा दिए।
कभी-कभी हयात तमाम उलझनो में उलझ जाती है,
की खो जाते है सारे लफ्ज़ और स्याही सूख जाती है।
जो कागज पर लिख दूँ तारीफ़ तुम्हारी,
तो स्याही भी तुम्हारे हुस्न की गुलाम हो जाये।
खुशी का दिन भी आएगा गम का पीछा छूट जायेगा,
यूं ना जाया करो सामने आके मेरा दिल नाजुक बहुत है टूट जायेगा।
इंसान सबसे सस्ता मोहब्बत के नाम पर बिकता है,
और इंसान को सबसे महंगी मोहब्बत ही पड़ती है।
रूबरू होने की तो छोड़िए लोग गुफ़्तगू से भी कतराने लगे हैं,
गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं।
उसने मुझे हॅसने मुस्कुराने गुनगुनाने की वज़ह दी है,
कुछ इस क़दर बड़े प्यार से प्यारी सी मोहब्बत की है।
दिल की मरम्मत चल रहीं हैं साहिब,
फिर बहुत जल्द दुसरी ज़िंदगी शुरू करेंगे हम।
दुखी शायरी हिंदी में
प्रेम में हवस वालो को मिलती है सफलता,
इश्क़ वाले तो बस शायरी करते रह जाते है।
इजाज़त हो तो हम भी तुम्हारे पास आ जाएं,
देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है।
देखो ना चाँद तुम्हारी बराबरी करने चला आया,
मैंने सिर्फ़ इतना कहा था उसके होंठों के नीचे तिल है।
मुहब्बत सहरी में पिए गए पानी के आखिरी घूँट की तरह होनी चाहिए,
जिस के बाद दूसरे घूँट की गुनज़ाइश ही ना हो।
ये जो मेरा इकतरफ़ा इश्क़ हैं ना,
ये वो रोज़ा है जिसकी इफ्तारी नहीं होती।
दफ़न हो जाऊंगा चुप-चाप अपने गांव में,
वो कहां वक्त पर शहर से आ पाएगी।
स्याह रातों में जुगनू बनके चमकते थे कभी,
मेरी किस्मत के तो सभी सितारें बदल गए।
खुद को मिटा दिया तेरी एक ख़ुशी की खातिर,
बेफ़िक्र थे गजब के तेरी आशिकी से पहले।
दुखी शायरी
अफ़सोस पूरी जिंदगी रहेगा यारा,
एक ही जिंदगी मिली थी उसमे भी तुम ना मिले।
बहुत बेचैन करती है तेरी बे-खनक रफ्तार,
आ तेरे खामोश पाँव मे पायल बांध दूँ।
बहुत करीब से देखा है दुनिया को,
तभी तो दूर जाकर बैठा हूँ।
मुझे तो उस शाम का इंतजार हैं,
जब दिन और रात की तरह हम दोनों भी एक हो जाए।
वो मर गई किसी अमीर ज़ादे पर,
यहां एक ग़रीब मां का लाल उजड़ गया।
तुम्हारे हृदय से उठा भावों का वेग ,
मेरी आँखों को द्रवीभूत कर जाता है।
उन्हे समझाओ मेरी जिंदगी उन्हे समझाओ मेरा प्यार,
धड़कता है दिल मेरा उनके लिये एक पल में सौ बार।
किस लफ्ज़ो में लिखूं मैं तेरी अहमियत,
बस तुम्हारे बिन हम अधूरे से हैं।
दुखी शायरी हिंदी में
बड़ी नादानी से पूछा उन्होंने क्या अच्छा लगता हैं,
हमने भी धीरे से कह दिया एक झलक आपकी।
वही हुआ ना की तेरा दिल भर गया मुझसे,
मैंने कहा भी था की ये मोहब्बत नहीं जो तुम करते हो।
कुछ राज़ तो क़ैद रहने दो मेरी आँखों में,
हर किस्से तो शायर भी नहीं सुनाता है।
दिल में प्यार इतना हो की,
फासले बीच की दूरी न बन सके।
होंगे कई तेरे हुस्न के दीवाने,
याद रहे कोई तुझ पर जान छिड़कता है।
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है,
मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की।
लगाकर होंठ होठों से फिर उस जालिम ने कहा ,
क्या गिला हे क्या शिकायते अब कुछ बोलते क्यों नहीं।
तुम्हें एक मशवरा दूँ सादगी से कह दो दिल की बात
बहुत तैयारियाँ करने में गाड़ी छूट जाती।
Dukhi Shayari Image
तेरी फिक्र तेरा ज़िक्र तेरी आदत तेरी कमी,
यह सब हैं मेरे पास बस एक तू नहीं मेरे पास।
फिजूल है सारी दलीलें और गवाह दीवानों की वकालत में,
सुकून का कानून ही नही होता इश्क की अदालत में।
मिला था एक दिल जो तुझे दे दिया,
हज़ार भी होते तो तेरे लिए होते।
मिले तो कई तुझे गवाने के बाद,
में तेरा ही रहा उम्रभर तेरे जाने के बाद।
लगाकर होंठ होठों से फिर उस जालिम ने कहा,
क्या गिला है क्या शिकायते अब कुछ बोलते क्यों नहीं।
दौलत का तो पता नहीं मगर शोहरत तेरे साथ चाहिए,
ज्यादा कुछ नहीं मांगता बस तेरा नाम मेरे नाम के साथ चाहिए।
प्रेम में पीड़ा की ध्वनि,
ह्रदय के तार पर उतरता विधुत है।
गुज़र जाएँगे जब दिन गुज़रे आलम याद आएँगे,
हमें तुम याद आओगे तुम्हें हम याद आएँगे।
कुछ चीजे बिखरी हुई अच्छी लगती है,
चेहरे पर जुल्फे, सांसों मै खुशबू और होंटो पे हंसी।
इसे भी पढे: