Motivational Story in Hindi for Students

नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से एक नए पोस्ट Motivational Story in Hindi for Students के साथ हाजिर है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आयेगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।

राजा और पाँच घोड़े

Motivational Story in Hindi for Students

Motivational Story in Hindi for Students
Motivational Story in Hindi for Students

आरुष राजा के पास चार घोड़े थे जो बहुत ही अच्छी नस्ल के थे। लेकिन वह चारों घोड़े किसी को भी अपने ऊपर बैठने नहीं देते थे। राजा एक ऐसे आदमी की तलाश कर रहा था जो इन चारों घोड़े को अच्छे से ट्रेन कर सके। उसने पहले भी कई ट्रेनर को बुलाया था लेकिन कोई भी उन्हें ट्रेन नहीं कर सका। जब भी कोई इंसान उन घोड़े के ऊपर बैठने की कोशिश करता तो वह जोर-जोर से कूदने लगते थे और उसे गिरा देते थे।

बहुत से लोगों ने यह ट्राई किया लेकिन कोई भी इसमें सक्सेस नहीं हो पाया। एक दिन एक लड़का उस राजा के महल में आया और राजा से बोला कि मैं आपके चारों घोड़े को ट्रेन कर सकता हूं। राजा ने उस लड़के से कहा कि तुमसे पहले भी कई लोगों ने यह ट्राई किया लेकिन बहुत से लोग इसमें जख्मी हो गए और कई लोगों की तो जान जाते-जाते बची। ‘

दरअसल वह लड़का अपने आप पर बहुत ही ज्यादा कॉन्फिडेंट था और उसने घोड़े को ट्रेन करने के लिए राजा से परमिशन ले ली। उसने कहा कि वह चारों घोड़े को अपने साथ ले जाएगा और उनका ख्याल रखेगा और उन्हें उधर ही ट्रेन करेगा। राजा इस बात के लिए मान गया और उसने इस बात की परमिशन दे दी।

कुछ महीने गुजरने के बाद जब राजा अपने घोड़े को देखने के लिए उस आदमी के घर गया तो उसने देखा कि वह आदमी उन चारों में से एक घोड़े के ऊपर बैठा हुआ था और बाकी तीन घोड़े उसके पीछे-पीछे घूम रहे थे। राजा ये देखकर हैरान हो गया और बहुत ही ज्यादा खुश भी क्योंकि जहां पर सारे लोगों ने हार मान ली थी वही इस लड़के ने उन चारों घोड़े को ट्रेन कर दिया था। राजा ने लड़के से पूछा कि तुमने यह सब कैसे किया?

लड़के ने कहा राजा साहब यह चारों घोड़े बहुत ही अच्छी और अलग नस्ल के थे। सबसे पहले मैंने उनके करीब जाने की कोशिश की। इसके लिए मैंने इन चारों घोड़े को खुले मैदान में छोड़ दिया और फिर मैं उनके साथ फैमिलियर होने की कोशिश की। जब यह भागते तो मैं भी इनके साथ भागता, जब यह बैठते तो मैं भी इनके साथ बैठता, जब यह सोते तो मैं भी इनके साथ सोता और जब यह खाते तो मैं भी इनके साथ खाता और इसी तरीके से मैं उनके साथ मिल गया।

वह जो भी करते मैं भी वही करता फिर कुछ दिनों के बाद यह चारों घोड़े यह सोचने लगे कि मैं भी उन्हीं की तरह एक घोड़ा हूं और फिर एक दिन मैंने उनके ऊपर सीट बेल्ट बांधने की कोशिश की। शुरू में उन्होंने सीट बेल्ट को फेंक दिया लेकिन फिर कुछ दिन ट्राई करने के बाद उन्होंने उसे रहने दिया। फिर कुछ दिनों के बाद मैं उनके ऊपर बैठने की कोशिश की और मैं बैठ गया और थोड़े ही दिनों के बाद मैं उनकी सवारी करने लगा। इसी तरह से मैं इन चारों घोड़े को कुछ ही महीना में ट्रेन कर दिया।

फिर राजा के सामने उसे लड़के ने एक के बाद एक उन चारों घोड़े की सवारी की। यह देखकर राजा बहुत खुश हुआ और उसने उस लड़के को कई सारे इनाम दिए और उस लड़के को राजा के सारे घोड़े का परमानेंट ट्रेनर बना दिया गया।

अब अगर हम हमारी जिंदगी में देखें तो उन घोड़े की तरह हमारे दिमाग में भी चार घोड़े हैं। जिनके नाम एंजायटी, गुस्सा, जलन और लालच है और आपकी बुद्धि इन चारों की ट्रेनर है। आपको इन चारों घोड़े को अपनी बुद्धि से ही ट्रेन करना पड़ेगा तभी यह चारों आपके कंट्रोल में रहेंगे। इससे भी पहले आपको इन चारों के साथ एक फ्रेंड की तरह रहना पड़ेगा और इन चारों को अच्छी तरह से समझाना पड़ेगा तभी आप इन्हें कंट्रोल कर पाएंगे।

सबसे पहले हम एंजायटी की बात करते हैं मतलब की चिंता और परेशानी। हम सब जानते हैं कि किसी भी प्रॉब्लम के बारे में चिंता करना इसका सॉल्यूशन नहीं है। बल्कि उल्टा यह प्रॉब्लम को और भी ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड बना देता है। हम हमारी एंजायटी को सिर्फ अपने पॉजिटिव थॉट से ही कंट्रोल कर सकते हैं।

आप एक जगह बैठकर यह सोचो कि आप जिस बात को लेकर चिंतित है।जिस प्रॉब्लम के बारे में चिंता कर रहे हैं, उसका एक परफेक्ट सॉल्यूशन ढूंढो और हमेशा यह बात याद रखो कि हर रात के बाद दिन जरूर निकलता है। मतलब अच्छे टाइम के लिए बुरे टाइम से गुजरना ही पड़ता है। बस थोड़ा सा सब्र करो, बुरे वक्त के गुजरने का।

हमारे दूसरे घोड़े का नाम एंगर है मतलब गुस्सा। हमेशा यह याद रखो की गुस्सा एक आग की तरह है जिसमें सबसे पहले वह जलता है जो गुस्से में होता है। गुस्सा कभी भी किसी दूसरे को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है। यह सबसे ज्यादा उसे नुकसान पहुंचता है जो खुद गुस्से में होता है। इसलिए जब भी आपको गुस्सा आए गुस्से से होने वाले नुकसान के बारे में सोचो और अपने आप को शांत रखो।


इसी तरह धीरे अभी आप जलन महसूस करो तब यह सोचो कि किसी इंसान को किसी दूसरे इंसान से तुलना करना बहुत ही खराब एटीट्यूड है। क्योंकि हर एक इंसान यूनिक और अनोखा है। अगर एक बार आप यह चीज समझ गए तो आप कभी भी जलन महसूस नहीं करोगे।

चौथा घोड़ा है लालच। इंसान का लालच कभी खत्म नहीं होता। इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे पास क्या है। बहुत बार ज्यादा लालच करने के चक्कर में हमारे पास जो होता है हम उसे भूल जाते हैं। अगर आप मेहनत करके पैसा कमाना चाहते हो लीगल तरीके से तब तो वह ठीक है। लेकिन जब आप बहुत सारा पैसा कमाना चाहते हो वह भी इलीगल तरीके से शॉर्टकट से तब वह लालच कहलाता है। इसलिए हमेशा अपने लालच को कंट्रोल करने के लिए आपके पास जो है उसमें खुश रहना सीखो और उसी से इंजॉय करो।

अगर आपने यह सब कर लिया तब आप आसानी से इन चारों घोड़े को कंट्रोल कर पाएंगे अपनी बुद्धि की लगाम से।

आलसी आदमी

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एक आदमी बहुत ही ज्यादा आलसी था वह कोई काम नहीं करता था। वह एकदम निठल्ले और नाकारा था। बस वह हमेशा ऐसे मौके की खोज में रहता कि कही से उसे खाना मिल जाए। एक दिन जब वह आदमी खाने की तलाश में भटक रहा था तभी उसे एक फल का बगीचा दिखता है। वह उस बगीचे से फल चुराने के बारे में सोचता है और वह बगीचे के अंदर चला जाता है। एक पेड़ पर चढ़ जाता है लेकिन तभी अचानक वहां पर उस बगीचे का मालिक आ जाता है और वह उस आदमी को पेड़ पर चढ़ता हुआ देख लेता है।

वह आदमी को चिल्लाते हुए नीचे आने के लिए कहता है लेकिन यह आलसी आदमी बगीचे के मालिक को देखकर डर जाता है और नीचे आने से मना कर देता है। तभी उस बगीचे का मालिक अंदर जाकर एक बड़ा सा डंडा लेकर आता है। यह देखकर आलसी आदमी तुरंत पेड़ से नीचे उतरता है और मालिक के पहुंचने से पहले ही जंगल की तरफ भागने लगता है और जंगल में जाकर छुप जाता है।

कुछ देर बचने के बाद वह आलसी आदमी वहां से निकलता है और जंगल के रास्ते से जब वह गांव की तरफ जा रहा था। तभी उसे एक लोमड़ी दिखती है जिसके सिर्फ दो ही पैर थे और उसके दो पैर टूटे हुए थे। वह जंगल में रेंगती हुई चल रही थी। यह देखने के बाद वह आदमी सोचता है कि यह लोमड़ी अब तक इस घने जंगल में जिंदा कैसे है ? यह लोमड़ी भाग नहीं सकती, चल नहीं सकती, तो अपने लिए खाने का इंतजाम कैसे करती होगी और कैसे अपने आप को इस घने जंगल में दूसरे जानवरों से बचाती होगी।

आदमी अभी यह सोच ही रहा था कि तभी अचानक से वहां पर शेर आ जाता है जिसके मुंह में गोश्त का एक टुकड़ा था। वह शेर उस अपाहिज लोमड़ी की तरफ बढ़ रहा था। शेर को देखकर दूसरे सारे जानवर वहां से भाग जाते हैं और अब वहां पर सिर्फ वह अपाहिज लोमड़ी ही रह जाती है। वह आलसी आदमी भी अपनी जान बचाने के लिए एक पेड़ पर चढ़ जाता है और फिर जो होता है उसे देखकर वो आदमी हैरान हो जाता है। वह शेर उस गोश्त के टुकड़े को उस लोमड़ी के सामने छोड़ देता है और वहां से चला जाता है। वह लोमड़ी उस गोश्त के टुकड़े को खाने लग जाती है।

आलसी आदमी यह देखकर हैरान हो जाता है और ऊपर वाले का प्लान देखकर वह मन ही मन खुश भी हो जाता है। वह सोचता है कि ईश्वर के पास सबके लिए कोई ना कोई प्लान होता ही है। अगर ईश्वर के पास इस लोमड़ी के लिए प्लान है तो जरूर मेरे लिए भी उसके पास कोई ना कोई प्लान जरूर होगा

वह आलसी आदमी रोड के साइड में एक बड़ा सा पेड़ देखकर उसके नीचे बैठ जाता है यह सोचकर कि मेरे लिए भी कोई ना कोई खाना लेकर जरूर आएगा। वह आदमी दो दिन तक उसी जगह पर बैठकर इंतजार करता है। लेकिन कोई भी उसके लिए खाना लेकर नहीं आता। आखिरकार जब उसे भूख बर्दाश्त नहीं होती है तो वह खुद ही खाने की तलाश में निकल पड़ता है।

वह रास्ते से जा ही रहा था कि तभी उसे रास्ते में एक बुजुर्ग आदमी मिलता है। वह आदमी उनसे कहता है कि मुझे भूख लगी है आपके पास कुछ खाने के लिए होगा तो मुझे दे दो। बुजुर्ग आदमी उसे कुछ खाना और पानी दे देता है। खाना खाने के बाद वह आलसी आदमी उन बुजुर्ग आदमी से कहता है कि मैं दो दिन पहले जो देखा आप उस पर विश्वास नहीं करेंगे।

मैं जंगल में एक अपाहिज लोमड़ी को देखा जिसे शेर खुद खाने के लिए गोश्त लाकर दे रहा था । मैंने सोचा कि ईश्वर के पास मेरे लिए भी कोई ना कोई प्लान जरूर होगा लेकिन ईश्वर ने उस लोमड़ी पर अपनी दया दिखाई और मुझ पर नहीं। मेरे लिए कोई भी खाना लेकर नहीं आया और आखिरकार मुझे ही खुद खाना की तलाश में निकलना पड़ा। उस आलसी आदमी ने बुजुर्ग आदमी से पूछा कि मेरे साथ ईश्वर ने ऐसा क्यों किया?

तब उन बुजुर्ग आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह सच है कि ईश्वर के पास सभी के लिए कोई ना कोई प्लान तो जरूर होता है और तुम्हारे लिए भी है। लेकिन तुमने उसे गलत तरीके से समझ लिया। वह तुम्हें लोमड़ी नहीं बल्कि वह तुम्हें उस शेर की तरह बनाना चाहता था।

दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम हमारी लाइफ को ध्यान से देखें तो हमें यह पता चलेगा कि जिंदगी सबक से भरी पड़ी है। हर एक पल का एक गहरा अर्थ होता है। उस आलसी आदमी ने लोमड़ी को मदद लेते हुए देखा और सोचा कि वह लोमड़ी सिर्फ बैठी हुई है और वह सिर्फ इंतजार कर रही है कि कब उसके साथ अच्छी चीज होगी। लेकिन वह आदमी यह भूल गया था कि वह लोमड़ी मजबूर थी लेकिन हम उस लोमड़ी की तरह मजबूर और लाचार नहीं है।

दोस्तो, आज की ये पोस्ट Motivational Story in Hindi for Students आपको कैसी लगी ये आप हमें कॉमेंट करके बता सकते है। ऐसे ही मजेदार कहानियां आपके लिए आगे भी लेकर आते रहेंगे।

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