Mohabbat Shayari : नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से एक नए पोस्ट Mohabbat Shayari के साथ हाजिर है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे आप अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
मोहब्बत करोगे तो जानोगे,
किश्तों मे जीना किसे कहते है
मेरी चाहते असर कर ही गयी,
देख आज तुझे हमसे मोहब्बत हो ही गयी
अल्फाज अक्सर अधूरे ही रह जाते है मोहब्बत में,
हर शख्स किसी न किसी की चाहत दिल में दबाये रखता है
अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है,
सच्ची मोहब्बत तो इशारों में ही सिमट जाती है।
जाते जाते ही सही ये मलाल तो रह गया,
क्या उन्हें भी मोहब्बत थी ये सवाल रह गया।
मोहब्बत का भी एक अलग ही दस्तूर होता है,
ये पल भर में हो जाती है, जिन्दगी भर के लिए।
रचा है मैंने इतिहास मोहब्बत के फ़साने में,
रखते हैं लोग मुझे दिलों के खज़ाने में।
नफरत करोगे तो अधूरा किस्सा हूं मैं,
अगर मोहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूं मैं।
तेरे सजदे में आकर जाना मोहब्बत की सादगी,
एहसास ऐतबार और ज़माने भर की दीवानगी।
मोहब्बत खुद बताती है, कहां किसका ठिकाना है,
किससे दूरी बनाना है, किसे दिल में बसाना है।
Mohabbat Shayari in Hindi
तुझसे बेइंतहा मोहब्बत है बस इतना कुबूल कर पाऊ,
बता कौन सी राह से आऊ कि तुझ तक पहुँच जाऊ।
नज़र बहुत तेज है ना तुम्हारी,
फिर क्यों नही दिखती मोहब्बत हमारी।
वो मोहब्बत अपने अंदाज मे जताता है,
जब खुश होता है मेरे लिए चाय बनाता है।
बंदिशों मैं रहोगे तो तड़पते रह जाओगे,
बेखौफ मोहब्बत का मजा ही अलग है।
कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की
हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती।
एक तेरे बगैर ही ना गुज़रेगी ये जिंदगी,
बता मैँ क्या करूँ सारे ज़माने की मोहब्बत लेकर।
दिल टूटा है तो अपनी ही गलती से,
उस ने कब कहा था की तू मुहब्बत कर।
उसकी मोहब्बत को इस कदर निभाते हैं हम ,
वो नहीं है तकदीर में फिर भी उसको चाहते हैं हम।
एक बार देख इधर और आँखो को गुस्ताखीयाँ करने की इजाज़त दे दे,
ओ रूठने वाले वो पहली सी मोहब्बत दुबारा दे-दे।
तेरी मोहब्बत से ज्यादा तेरी इज़्ज़त अज़ीज़ है,
तेरे किरदार पे बात आई तो अजनबी बन जाऊंगा।
सुनो तुम मोहब्बत के स्कूल मे दाखिला लेलो,,
इम्तिहान सारे मैं दूंगी तुम बस मेरी नकल करते जाना।
सच्ची मोहब्बत शायरी
क्यूँ हर बात में कोसते हो तुम लोग नसीब को,
क्या नसीब ने कहा था की मोहब्बत कर लो।
बस ताल्लुक़ का इन्तक़ाल हुआ,
ज़िन्दा दोनों तरफ है मोहब्बत ।
थक जाते हैं हाथ मोहब्बत लिखते लिखते,
बडी सस्ती हो गई जनाब मोहब्बत बिकते बिकते।
मोहब्बत की फ़रवरी में इश्क कुछ फीका रहा,
अब तो इश्क के रंग से लाल करेंगे मार्च को।
अजीब सा मौसम है आज ये मन बड़ा शांत हुआ है,
ऐसा लगता है दिल का मौहब्बत में देहान्त हुआ है।
ना रख किसी से मोहब्बत की उम्मीद ऐ दिल,
कसम से लोग खुबसूरत बहुत है पर वफादार नहीं।
कुछ अलग सा चल रहा है अपनी मोहब्बत का हाल,
उनकी चुप्पी और मेरे कई सवाल।
अपना कहते थे जो लोग मुझे,
अफसोस वही हमारे मोहब्बत के क़ातिल निकले।
ए बेखबर की तेरी हर अदा से है मोहब्बत,
देख कर मुझे जो तु नजरें फेर लेता है न तेरी इस अंदाज से भी है मोहब्बत।
मोहब्बत का रंग चढा था फरवरी में,
लो होली के रंग में रंगने फागुन आ गया।
Mohabbat Shayari
तेरे लिए दिल में मोहब्बत को काले धन की तरह छुपा के रखा हूँ,
खुलासा नहीं किया अब तक हंगामा हो सकता है।
आरज़ू ख्वाहिश सिद्दतें और मोहब्बत
सब कुछ तो तुम हों फ़िर इबादत किसकी करे।
कितने बंधनों मे बंधी है तुमसे ये मोहब्बत मेरी,
याद कर सकता हूं पर ख़बर नहीं ले सकता तेरी।
बेहद मोहब्बत है तुमसे,
मान लीजिए या मार दीजिए।
तेरी मोहब्बत ने निखारा है मेरे सावले पन को,
तेरे आगोश में ही मुकम्मल नज़र आती हूँ ।
चढेगा रंग तुम्हे भी अब मेरी मोहब्बत का,
लगा दिया मेने इश्क का गुलाल तुम्हारे गालो पर।
मैने कब कहा हमसे मोहब्बत कीजिये,
क़ाबिल-ए-नफरत हूं आप भी कीजिये।
मोहब्बत की है तुझसे बेफिक्र रह,
नाराजगी हो सकती है पर नफरत कभी नही।
नफ़रत का खुद कोई वजूद नहीं होता ,
ये तो मोहब्बत की गैर मौजूदगी का नतीजा है।
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।
सच्ची मोहब्बत शायरी 2 लाइन
मजबूरियों ने बेशक तुझसे जुदा कर दिया,
मगर मोहब्बत तुझसे आज भी है मुझे।
मजबूरियों ने बेशक तुझसे जुदा कर दिया,
मगर मोहब्बत तुझसे आज भी है मुझे।
तुम ये जो मुझसे मोहब्बत जताते हो,
क्या ये वाकई सच हैं या फिर केवल बातें बनाते हों।
ना मोहब्बतें सँभाली गई ना नफ़रतें पाली गई
है बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे ख़ाली गई।
मोहब्बत छिपाने की अदा यूँ बेकार हो गयी,
जुबां तो रही बस में आँखें गद्दार हो गयी।
तुम तो वफ़ाओं का समंदर हुआ करती थी,
फिर किस से सीख लिया यूँ मुहब्बत में मिलावट करना।
तेरी मोहब्बत से ज़्यादा तेरी इज़्ज़त अज़ीज़ है,
तेरे क़िरदार पे बात आई तो अज़नबी बन जाऊंगा।
अगर मोहब्बत में किये गुनाहों की कभी सज़ा सुनाई जाए,
तो मेरे हमसफ़र की सज़ा माफ हो अल्लाह खैर करे।
लोग कहते है मोहब्बत में असर होता है,
कौन से शहर में होता है किधर होता है।
अपनी ज़िन्दगी के लम्हे को आपके नाम कर गई,
इसलिए तो आपसे मोहब्बत करके खुद को बदनाम कर गई।
बेइंतहा मोहब्बत शायरी
कभी-कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं इश्क के कच्चे धागे टूट जाते हैं,
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी इसलिए तो रूठकर तारे टूट जाते हैं।
किसी से पनाह की चाहत में,
बे-पनाह मोहब्बत कर गये हम।
मैंने कब कहा मोहब्बत कीजिए,
काबिल ए नफरत हूँ आप भी कीजिए।
मोहब्बत तो कोई और थी उनकी,
हम तो थे बस दिल बहलाने वाले।
उल्फत की बात है जरा सलीके से कीजिए,
सड़को पे हाथ पकड़कर मोहब्बत नहीं होती।
जब तलक सांसे है नफ़रत ही करूंगी,
भुला दिये वो दिन जो मुहब्बत में गुज़र गए।
इतनी पाकीज़ा मोहब्बत की है उस शख्स ने,
कि सर उठाकर भी देखा है तो सिर्फ पांव तक।
काले धन की तरह छुपा रखा है तुम्हारी मोहब्बत अपने दिल में जान,
कहीं हंगमा ना हो जाये, इसलिए हम खुलासा नही करते।
हम अपनी हिफाज़त कुछ इस कदर कर लेते हैं,
मोहब्बत छोड़ देते हैं और इज्जत रख लेते हैं,
बस हमारी बातें ही इश्क़ मोहब्बत वाली है,
वैसे तो हम वो शख़्स हैं जिसने बहुत दर्द पाले हैं।
खूबसूरत मोहब्बत शायरी Hindi
आप हमारे दिल को समझ नहीं पाए,
हमे मोहब्बत इतनी थी आपसे लेकिन हम कह नहीं पाए।
अर्ज किया है 4 साल मोहब्बत करने के बाद पता चला
वो तो एक दवा थी अकेलेपन मिटाने की।
मैंने बस मोहब्बत की थी शिद्दत वाली,
उसने लफ्जों के हेर – फेर में मार डाला।
अपने एकतरफ़ा प्यार को कैसे अधूरा कह दूँ,
अपनी ओर से मोहब्बत तो मैंने पूरी की।
पीला दो आँखों से टॉनिक मोहब्बत को जीत लूँगा मैं,
सुई तो कुछ नहीं भेद दे कील भी सह लूँगा मैं।
ये कोई ख्वाब है या मोहब्बत का असर,
सारी कुदरत आए उसमे जो खुद है बेखबर।
बस खत्म ही समझो किस्सा इस बोझ सी मोहब्बत का,
पहले तुम को हमारा नहीं होना था अब हमको तुम्हारा नहीं होना है।
पता है मोहब्बत क्या होती है, क्या होती है माँ खाना नहीं खाती है जब रोटी कम होती है।
ये मोहब्बत कुछ करे या ना करे,
मगर Mobile जरूर Silent करवा देती है।
आपकी और मेरी मोहब्बत का भी रिजल्ट आया है,
आपको चाहने मे मेरा नाम टॉप पर आया है।
Mohabbat Bhari Shayari
पागलपन से ही मोहब्बत है,
समझदारियों में इश्क घटने लगता है।
जब से तुम रूठ कर गयी हो,
मोहब्बत के शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है।
वो चाँदनी का बदन खुशबुओं का साया है,
बहुत अजीज़ हमें है मगर पराया है।
उसे किसी की मोहब्बत का ऐतबार नहीं,
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है।
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी,
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।
अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई,
तो दर्द का हिसाब क्यूँ रखूं।
शक तो था ही मोहब्बत में नुकसान होगा
पर सारा मेरा ही होगा ये मालूम ना था।
मोहब्बतें इज़्ज़त होती है खेरात नही,
ये नसीब से मिलती है औकात से नही।
तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से,
खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम।
पहली मोहब्बत की शायरी
बना फिरता है आज वफादार जमाने में बो अपनी नई मोहब्बत के लिए,
उसके नए मेहबूब को बताओ उसने मुझे भी छोड़ा है किसी नए मेहबूब के लिए।
वजह नफरतों की तलाशी जाती है,
मोहब्बत तो खामोशी से हो जाती है।
लाचार नहीं हूँ बस चाहत तुझसे ज्यादा है,
खाली नहीं हूँ बस वक़्त तुझसे ज्यादा है।
लोग कहते हैं ना तेरे पीछे पडा रहता हूँ,
आवारा नहीं हूँ बस मोहब्बत तुझसे ज्यादा है।
ना सोच की मोहब्बत में सिर्फ ये मन ही जला ही जला है मेरा,
आके देख घर दिल बदन सब कुछ जल गया है मेरा।
हम एक तरफा प्यार की कहानी में मरे हैं,
ये मोहब्बत ही है जो हम जवानी में मरे है।
मरने से पहले एक और मौत होती है,
कुछ लोग जिसे मोहब्बत कहते हैं।
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इजहार आसान होता है,
रूह से हुई मोहब्बत समझने में जिन्दगी गुजर जाती है।
हमने कब माँगा है तुमसे वफाओं का सिलसिला,
बस दर्द देते रहा करो मोहब्बत बढ़ती जायेगी।
जिनके पास देने के लिए मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं है,
उनको जीने के लिए दोस्तो दर्द के सिवा कुछ नहीं मिलता।
Mohabbat Shayari in Hindi
अनकही मोहब्बत को कब तक समेटोगे,
थक जाओगे और दिल को खुद मुझे सौपोगे।
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं
कि जख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये।
सुनो कुछ तो बधें हैं न तेरे मेरे दरमियां मोहब्बत के धागे,
जो सुलझ कर भी फिर उलझ जाते है पर देखो टूटते भी
नहीं
तकलीफ सिर्फ वही दे सकता है,
जिससे आपको बेपनाह मोहब्बत होगी।
मंज़िल-ए-मोहब्बत तक का ये सफ़र आशिक़ाना है,
गर साथ तुम हो तो ये मौसम-ए-इश्क़ भी क़ातिलाना है।
ओर सात साल मोहब्बत करने के बाद,
उसे याद आया के घरवाले नही मानेंगे।
सुरज की किरणों से पाक हे महोब्बत,
अगर खुद से ना हो तो खाक हे महोब्बत।
जान बसती है आप मे,
मोहब्बत तो बहुत छोटी बात है।
ओर क्या सबूत चाहीए मोहब्बत का,
एक लापरवाह ल़डका तुम्हारी इतनी परवाह कर रहा है।
मोहब्बत की सारी हदें आज़माएंगे,
वह सोएगी, तो उसके ऊपर ही सो जायेंगे।
पहली मोहब्बत की शायरी
मिलने का दौर और बढ़ाइए मोहब्बत में,
अब यादों से गुज़ारा नहीं होता।
ना समेट सकोगे कयामत तक जिसे तुम,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतनी मुहब्बत करुँगा मै।
बेहिसाब बेइंतिहा मोहब्बत है मेरी,
किसी दायरे में ना समेटो मेरे प्यार को।
वो मोहब्बत नहीं थी,
वो बस एक लम्हा खुशियो का था।
कितना महफूज था वो गुलाब कांटों की गोद में,
लोगों की ठुकराई मोहब्बत मे सूली पर चढ़ गया।
ये तो उम्र की पाबंदिया है,
वरना ये दिल आज भी मोहब्बत पाना चाहता है।
जरा छू लूं तुमको मुझको यकीन आ जाए,
लोग कहते हैं कि मुझे साए से मोहब्बत है।
रब जाने क्या कशिश है इस मोहब्बत में,
इक अंजान, हमारा हकदार बन बैठता है।
कभी देखा है अंधे को किसी का हाथ पकड़कर चलते हुए,
हमने मोहब्बत मे तुम पर यूँ भरोसा किया है।
मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पर खत्म,
ये वो जुल्म है जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं।
आज की ये पोस्ट mohabbat shayari आपको कैसी लगी ये आप कमेन्ट करके जरूर बताइएगा। हम आगे भी ऐसे ही मजेदार पोस्ट आपके लिए लेकर आते रहेंगे।
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