नमस्कार दोस्तों, हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए पोस्ट के साथ जिसका टाइटल मस्त शायरी (Mast Shayari) है। हम उम्मीद करते है ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
दुआएं टकरा रही है दुआओं से,
कोई मिलने की दुआ मांग रहा है कोई भूलने की।
मुहब्बत की लगा दी है लत उसको,
अब न रास आएगी सल्तनत उसको।
अगर उन्हें लफ्जो मैं लिखना आसान होता,
वो दास्तान नही कोई मेरा ही हिस्सा होता।
जलते हैं तो जलने दो राख हो जाएंगे,
मिलेंगे मिट्टी में खाक हो जाएंगे।
पाकर खोया तो जाना,
ना पाने का दुख कम होता है।
मोहब्बत की थी मैंने बंदगी की तरह,
कैसे दर्द जाहिर करता इसमें होगी खुदा की रजा।
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं,
एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं।
मस्त शायरी हिंदी में
जो इश्क़ था ही नहीं उसका हिसाब चाहता था मैं,
यानी एक बबूल के पेड़ से गुलाब चाहता था मैं।
जितनी जरूरत उतना रिश्ता है यहां,
बिन मतलब कौन फरिश्ता है यहां।
तन्हाई में जीना रातो को रोना फिर आदत बन जाती है,
शिद्दत से की गई मोहब्बत एक दिन आफत बन जाती हैं।
तुझे तेरा हमसफर मुबारक,
और मुझे मेरा अधूरा इश्क़।
बस मैं ही लिखूंगा तुम्हारी मोहब्बत पर
बाकी रकीब तो तुम्हारे ज़िस्म का दीवाना है
हमारे बाद कोई सरपरस्त ना मिल पायेगा,
मोहब्बत को फिर यतीमखाने में रखा जाएगा।
आसमान से फरिश्ते भी अगर उतारे जाएंगे,
इस दौर में सच बोलेंगे तो वो भी मारे जाएंगे।
उनको इतनी जल्दी इज़ाज़त कैसे दे जाने,
की जो आए थे बड़ी मन्नतो के बाद।
Mast Shayari in Hindi 2 Line
आज़मा ले मुझको थोड़ा और ऐ खुदा,
तेरा बंदा बस बिखरा हैं अब तक टूटा नही।
मोहब्बत की दास्ता लिख़ने का हुनर तो आ गया मुझमें,
पर महबूब को मनाने मे आज भी नाकाम हूँ।
इतनी मनमानीयां भी अच्छी नही होती,
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरे भी हो।
दौलत नही शोहरत नही ना वाह चाहिये,
कैसे हो बस दो लफ्ज़ की परवाह चाहिये।
जो लिया ही नही कभी उस क़र्ज़ में हूँ मैं,
तुझे क्या पता किस दर्द में हूँ मैं।
तनहइयो के आलम की ना बात करो जनाब,
नहीं तो फिर बन उठेगा जाम और बदनाम होगी शराब।
रोज़ रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़ा हूँ,
ऐ मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ।
आइना भी भला कब किसी को सच बता पाया है,
जब भी देखो दायाँ तो बायां ही नज़र आया है।
Mast Love Shayari
जाने कब उतरेगा कर्ज उसकी मोहब्बत का,
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरता हूँ।
मेरी मोहब्बत कि ना सही मेरे सलीके कि,
तो दाद दे रोज़ तेरा ज़िक्र करता हूँ बगैर तेरा नाम लिए।
आज उसने एक और दर्द दिया तो हमें याद आया,
कि दुआओं में हमने ही तो उसके सारे दर्द खुदा से माँगे थे।
जाने कब उतरेगा कर्ज उसकी मोहब्बत का,
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरता हूँ।
निकाला है जनाजा तब हार चढ़ाने आई है,
बेवफा मेरे मरने के बाद प्यार जताने आई है।
मत सोचना मेरी जान से जुदा है तू,
हकीकत में मेरे दिल का खुदा है तू।
गर तेरी नज़र क़त्ल करने मे माहिर है तो सुन,
हम भी मर मर के जीने मे उस्ताद हो गए है।
तुमने समझा ही नही और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा।
Shayari Mast Wali
हम तेरी चाहत में इतना कर जाना चाहते है,
की तुझे चाहते चाहते बस मर जाना चाहते है।
कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में साहब,
सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता।
तेरे दीदार की कशिश तेरी चौखट तक खींच लायी,
कमबख्त दिल चीखता रहा तेरी आहट भी न आयी।
कुछ दिन से जिंदगी मुझे पहचानती नहीं,
यूं देखती है जैसे मुझे जानती नहीं।
जो गुज़ारी न जा सकी हम से,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।
कभी दिमाग़ कभी दिल कभी नज़र में रहो,
ये सब तुम्हारे ही घर हैं किसी भी घर में रहो।
कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो,
उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं।
गुरूर होना लाजमी है,नाम हो जाने के बाद,
अक्सर भूल जाते है लोग काम हो जाने के बाद।
Romantic Mast Shayari
मुस्कुराते हुए जब वो अपनी नजरे झुका लेते है,
तहज़ीब अदब सलीके सब दिखा देते है।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं।
जो लोग तुम्हारा चेहरा देख कर दर्द नहीं पढ़ सकते,
उन्हें ज़ख्म खोल कर दिखाना ज़ख्मों की तौहीन होगी।
हम सिर्फ अच्छे दोस्त हैं,
कुछ ऐसी भी होती है अधूरी मोहब्बतें।
करवटें उलझती रहीं,
तुम्हारा ख़्वाब मामूली न था।
नया जन्म लिया है उसने,
कल तक हम ही दुनिया थे।
निकाहनामे पर हम दोनों के दस्तख़त थे,
वो दुल्हन थी और मैं गवाह।
Shayari Mast Mast
कोशिश हज़ार की के ऊसे रोक लूँ मगर,
ठहरी हुई घड़ी में भी ठहरा नहीं ये वक्त।
रिहाई दे दो हमें अपनी मोहब्बत की कफस से,
कि अब ये दर्द हमसे और सहा नहीं जाता।
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या किए,
हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।
तेरी यादों से महक उठी है यूं तन्हाई,
दिल के सेहरा में कोई फूल खिला हो जैसे।
बड़ा वक़्त लगता है जल्दी से नहीं भरते,
ये ज़ख्म दिलों के हैं हल्दी से नहीं भरते।
बदन के घाव दिखा कर जो अपना पेट भरता है,
सुना है वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है।
मैं तुझे याद कर कर के जिंदा हूँ,
किसी रोज मर जाऊं तो माफ करना।
चार दिन की जिंदगी है कुछ भी ना गिला कीजिए,
दवा जाम इश्क ज़हर जो भी मिले मज़ा कीजिए।
Mast Shayari Love
कभी आओ तो मातम करे जुदाई का,
तुम्हारे साथ मनाएं तुम्हारे बाद का दुख।
ख़्वाहिशों ने ही भटकाये हैं जिंदगी के रास्ते,
वरना रूह तो उतरी थी ज़मीं पे मंज़िल का पता लेकर।
क्या बताऊं मुझे क्या पसंद है क्या नही,
मुझे बस वो पसंद है उसके जैसा नहीं।
तुझसे बिछड़ के किसी और पे मरना है,
जिंदगी का ये तजुर्बा भी इसी जनम करना है।
उठ न जाए ऐतबार ज़माने का,
ऐ मुहब्बत किसी को तो रास आ तू।
नहीं चाहिए ले जाइए यहां से दिल अपना,
हमको रहम की बू आ रही है आपकी जुबां से।
एहसास कीजियेगा साँसों को खींचने में,
खून ए जिगर लगा था गुलशन को सींचने मे।
मैंने तमाम बुरे लम्हात अकेले गुजारे,
मैं किसी का शुक्र गुजार नहीं हूँ।
Mast Shayari Romantic
एक नई तर्ज का किरदार दिया जाएगा,
मोहब्बत की कहानी में मुझे मार दिया जाएगा।
उम्मीदों के सहारे जी कर खुद को धोखा देता हूँ,
कोई माँगे अग़र नफरत भी तो मोहब्बत बेशुमार देता हूँ।
मुझसे नफ़रत ही करो तो ही अच्छा,
इश्क़ तुम निभा भी तो नही पाते हो।
अगर तू शोर है तो मेरी खमोशी तोड़ के दिखा,
अगर तू इश्क़ है तो मेरी रूह मे उतर कर दिखा।
खैरात में मिल गए हम उन्हें,
जिनकी औकात में भी नहीं थे।
अब ये आलम है कि ग़म की भी ख़बर होती नहीं,
अश्क बह जाते हैं लेकिन आँख तर होती नहीं।
मैं उदासियो के कभी मुंह नहीं लगता हूं,
मैं अपने चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रखता हूं।
पहले पंडित को अपनी राशि दिखाना,
बाद में हमे अपनी बदमाशी दिखाना।
Mast Shayari in Hindi
दिल पर हाथ रखो और कुछ देर रहने दो,
मुझे महसूस करो और अपने पास ही रहने दो।
माना की उम्र में आपसे कम है,
मगर चाचा आपसे ज्यादा दम है।
साथ मेरे बैठा था पर किसी और के करीब था,
वो अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था।
मोहलत चार दिन की और हैं सौ काम करने है,
हमें जीना भी है मरने की तैयारी भी करनी है।
ये भी उसकी मोहब्बत थी कि उसने अपने,
घर की सभी दीवारें छोड़कर मुझे चूना लगाया।
अबकी बार गुम नहीं हुए हैं हम,
इस बार तुमने खो दिया है हमें।
तेरे आगोश में दम तोड़ गई कितनी जवान नस्लें,
फिर किसने तेरा नाम मोहब्बत रख दिया।
तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें,
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया।
Mast Shayari
अपने चेहरे को अब हमसे न छिपाना,
मुद्दतों बाद इस मरीज ने दवा देखी है।
कुछ इस कदर बे-यार है हम,
अब हर किसी के यार है हम।
कल बुरा था आज अच्छा भी आएगा,
वक्त ही तो है ये रुक थोड़ी ना जाएगा।
ज़िंदगी तू तो ऐसे खफा है मुझसे,
जैसे मैंने तेरी बेटी भगा ली हो।
बिछड़ने वाले तेरे लिए एक मशवरा है,
कभी हमारा ख्याल आए तो अपना ख्याल रखना।
यहाँ सब ईमानदार है बेईमानी का मौका मिलने तक।
वो लौट आए थे अपने मतलब से,
हमे लगा हमारी दुआओ मे दम है।
अच्छी लड़की थी नाम था दीक्षा,
ऐसा बर्बाद किया अब मांग रहा हु भिक्षा।
मस्त शायरी हिंदी में
वो जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ बसर किये,
एक अरसा हुआ शराब को मुझपर असर किये।
सोच कैसी है ईमान कैसा है,
लफ्ज़ बता देते हैं इंसान कैसा है।
सख़्त जां हूं मुझे इक वार से क्या होता है,
ऐसी चोटें कोई दो चार तो आने दिजिए।
मुश्किल वक़्त में अक्सर लोग बदल जाते हैं,
चलते चलते अपनी राह निकल जाते हैं।
वो चिड़िया ही क्या जो घोंसला ना बना दे,
और वो प्यार ही क्या जो तोतला ना बना दे।
वो भी इक़रार कर के फंस गई है,
हम भी अपना कहा भुगत रहे हैं।
सैंकड़ों किताबें पढ़ी लेकिन ये ना जान पाए,
कोई अपना बहूत दूर रहे तो कैसे सब्र करते है।
ख़ुद को इतना दुनियांदार नही कर सकते,
आधे दिल से पूरा प्यार नहीं कर सकते।
मेरी निगाहों में किन गुनाहों के निशां खोजते हो,
अरे मैं इतना भी बुरा नहीं जितना तुम सोचते हो।
अरे ये कैसा सितम ढाने लगी हो,
गर्लफ्रेंड किसी और की हो और मेरे सपने में आने लगी हो।
अपने लफ्जो मैं तेरा अक्स देखना मेरी आदत है,
उन अल्फाजों मैं जिक्र तेरा होना यही मेरी मोहब्बत है।
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