2 Line Poetry: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से एक नए पोस्ट 2 Line poetry के साथ हाजिर है। हम उम्मीद करते है की ये पोस्ट आपको पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करेंगे।
परेशान कर रखा हैं तेरी यादों ने दिन को दिल नही लगता,
और रात को आँखे नहीं लगती
कमज़ोर पड़ गया था मुझसे उसका ताल्लुक,
क्योंकि उसके सिलसिले कहीं और मजबूत हो गए थे।
मोहब्बत की है तुमसे यार बेफ़िकर रहो,
नाराजगी हो सकती है नफरत नही।
अपने किरदार पर डालकर परदा,
हर कोई कह रहा है ज़माना खराब है।
वो नशा जाम में कहाँ जो छुप छुप कर किया जाए,
चाय का नशा तो साहब वो नशा है जो खुलेआम किया जाए।
कुछ ख्वाहिशों का अधूरा रहना ही ठीक है,
जिन्दगी जीने की चाहत तो बनी रहती है।
काश ये दिल बेजान होता ना किसी के आने से धडकता,
ना किसी के जाने पर तडपता।
दर बदर भटकते रहे हम सुकून की तलाश में,
अब एहसास हुआ कि सुकून तो मिलेगा जिंदगी के बाद में।
थोड़ा सा छुप छुप कर खुद के लिये भी जी लिया करो,
कोई नही कहेगा कि थक गये हो आराम करों।
दर्द बन कर दिल में छुपा कौन है,
रह रह कर इसमें चुभता कौन है,
एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना,
देखते है इस बार पहले टूटता कौन है।
2 Line Love Poetry in Hindi
फिर मेरे हिस्से में आएगा समझौता कोई,
आज फिर कोई कह रहा था समझदार हो तुम।
कब तलक तेरे इश्क में रोऊं,
मेरे घर के भी हजार मसले हैं।
ये मेरी मजबूरी कहो या हिम्मत,
उसके बगैर जी रहा हूँ मुस्कुरा रहा हूँ।
ज़िन्दगी ये तेरी खरोचें हैं मुझ पर या
फिर तू मुझे तराशने की कोशिश में है।
तुम्हारे लिए तुमसे ही लड़ रहे थे,
ना जाने कैसी मोहब्बत कर रहे थे।
कुछ दोस्त पांच रुपये के नोट की तरह होते हैं,
जब भी मिलते हैं फ़टे हाल में ही रहते हैं।
शौक़ है इस दिल-ए-दरिंदा को
आप के होंठ काट खाने का।
चले जायेंगे हम धुंध के बादल की तरह,
आप देखते रह जाएंगे हमें किसी पागल की तरह।
ज़िन्दगी है चार दिन की कुछ भी न गिला कीजिये,
दवा-ज़हर-जाम-इश्क जो मिले मज़ा लीजिये।
मैं हकीकत लिखूं या फसाना लिखूं उसको ना देखने का बहाना लिखूं,
बेतहाशा अगर है मोहब्बत उसे नाम उसके मैं एक जिंदगानी लिखूं।
2 Line Poetry in Hindi
लगा दिया है ताला अपने दिल मे मेरी जान,
अब जो इसके लायक होगा वही खोलेगा।
वो हमे इग्नोर करते हैं ऐसे
हम सिगरेट पर लिखी वार्निगं हो जैसे।
इतनी कमज़ोर नहीं है मेरी जिन्दगी की कहानी,
कि कोई भी निभा ले ये किरदार हमारा।
ब्याज भरती हैं उम्र भर आँखें,
गलती ऐसा उधार होता है।
अपनी हरेक अदा से मुझे अपना कायल बना देगा,
वो मुझे छूएगा भी नहीं और मुझे पागल बना देगा।
दर बदर भटकते रहे हम सुकून की तलाश में,
अब एहसास हुआ कि सुकून तो मिलेगा जिंदगी के बाद में।
प्रेम की उम्र नहीं होती ना ही दौर होता है,
प्रेम तो प्रेम है जब होता है बेहिसाब होता है।
मेरी फितरत में खामोशी नहीं है,
मैं एक हंगामा हूँ, जो बोल पड़ता है।
रात की मुट्ठी में एक सुबह भी है,
शर्त ये है कि पहले जी भर के अँधेरा तो देख लो।
दिल तो करता हैं की रूठ जाऊँ कभी बच्चों की तरह
फिर सोचता हूँ कि मनाएगा कौन।
2 Line Poetry
अपनी लड़ाई अकेले ही लड़नी पड़ती है,
सैलाब तो उमड़ता है जीत जाने के बाद।
दिल तोड़ के जाने वाले सुन मुझे तुझ से मोहब्बत आज भी है,
तुझे मेरी जरूरत नही तो क्या मुझे तेरी जरूरत आज भी हैं
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे।
तेरे मेरे बीच कुछ भी आखिरी नहीं,
सिवाय आखिरी साँस के।
एक बार पी थी चाय किसी के हाथ की,
सांसों में इलायची की महक आज भी है।
जो इंसान मन की तकलीफों को नही बता पाता ,
उसे ही गुस्सा सबसे ज्यादा आता हैं !
सोच रहा हूं दिल पर भी गोरिल्ला ग्लास लगवा लूं,
अगर टूटेगा तो ग्लास टूटेगा दिल नहीं ।
एक नज़र देख के सौ नुक्स निकाले मुझमें,
फिर भी मैं खुश हूं मुझे गौर से देखा तूने।
तु खुश रहें सदा बस यही दुआ है हमारी,
दोस्ती,चाहत, मोहब्बत, इबादत चाहे जो कहो ख्वाहिश तुम्हारी।
डालना अपने हाथों से कफन मेरी लाश पर,
की तेरे दिए जखमों के तोहफे कोई और ना देख ले।
2 Line Love Poetry
खुशमिजाजी मशहूर हैं हमारी सादगी भी कमाल हैं,
हम शरारती भी इंतेहा के हैं तन्हा भी बेमिसाल हैं।
अगर खुदा नहीं है तो उसका ज़िक्र क्यों,
और अगर खुदा है तो फिर फिक्र क्यों
इश्क जैसा नशा हूं,
जितना दूर जाओगे उतनी तलब बढ़ेगी।
रस्मे उल्फ़त ही इज़ाज़त नहीं देता वरना,
हम भी ऐसा तुम्हें भूलें के सदा याद करो।
वो बिन वजह गुस्सा हो तो तुम्हे चुप रहना होगा,
तुम्हे आशिक़ी का शौक है तो ये सब भी सहना होगा।
मैं तेरे प्यार से बचकर जाऊँ तो कहाँ जाऊँ,
तू मेरी सोच के हर दहलीज़ पे नज़र आता है।
दुकानदारी सीख ली मैंने तुमसे,
दिल की बातें भी अब मैं नाप-तोल के करता हूँ।
कितना मुश्किल है उस इंसान को मनाना,
जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे।
तन को सौ-सौ बंदिशें मन को लगी न रोक,
तन की दो गज़ कोठरि मन के तीनों लोक।
2 Line Sad Poetry in Hindi
मेरा यूँ टुटना और टूटकर बिखर जाना कोई इत्फाक नहीं,
किसी ने बहुत कोशिश की है मुझे इस हाल तक पहुँचाने में।
कब तक रखे हम किसी को अपने ख्यालों में,
अब किसी के ख़यालो में आने को जी चाहता है।
बे नाम जिंदगी की हक़ीक़त न पूछो,
कुछ पुर्खुलुस लोग थे बर्बाद कर गए।
मोहब्बत से मोहब्बत तब हुई
जब मोहब्बत तुम से हुई।
मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता,
और शिकायत के दो लफ्ज़ कहूं तो चुभ जाते हैं।
वो मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था,
मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया।
हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।
निखरि हैं मेरी मोहब्बत तेरी हर आजमाइश के बाद,
सवरता जा रहा है इश्क तेरी हर फरमाइश के बाद।
हम हारेंगे भी तो आपसे कुछ इस तरह से,
हर वक्त शक तुम्हें अपनी जीत पर होगा।
सुनो आज थोड़ा प्यार जता दु,
तुम मेरी हो ये दुनिया को बता दु।
अंदर से टूटे हुए लोग जितना भी मुस्कुरा ले,
उदासी उनकी आँखों में दिख ही जाती है।
Love Poetry in Hindi 2 Lines
उदास हूं लेकिन तुझसे नाराज नहीं,
अफसोस ये है की तेरे दिल में हूं लेकिन तेरे साथ नहीं।
मुमकिन ही नहीं कि दर-दर पर झुक जाऊँ मैं,
मेरा रब भी एक है मेरा सर भी एक है।
हक़ उतना ही जताइये जितना जायज़ लगे,
रिश्ता फेरों का हो या मोहब्बत का, घुटन न लगे।
ढूँढना हि है तो परवाह करने वालो को ढूँढ़िये,
इस्तेमाल करने वाले तो खुद हि आपको ढूँढ़ लेंगे।
अगर मिलती मुझको दो दिन की बादशाही साहेब,
तो मेरी सियासत में तेरी तस्वीर के सिक्के चलते।
लोग वाकिफ़ है मेरी आदतो से,
रुतबा कम पर लाजवाब रखता हूं।
अब किसी गैर का कब्जा है उनके दिल पर,
यानी बेघर हो गए हैं हम अपना मकान होते हुए।
जिम्मेदारियां क्या होती है साहब,
हम मिडिल क्लास वालो से पूछिए।
लगा दिया है ताला अपने दिल मे मेरी जान,
अब जो इसके लायक होगा वही खोलेगा।
ये वहम था मेरा कि वो मेरे बगैर एक पल जी नहीं सकती,
जी लिया तभी तो यूं मुझे तन्हां छोड़ दिया।
2 Line Love Poetry in Hindi
दो ही गवाह थी मेरी मोहब्बत के,
वक़्त और वो, एक गुजर गया, दूसरा मुकर गया।
नीलाम कुछ इस कदर हुए बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज,
बोली लगाने वाले भी वो ही थे जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे।
मैंने दिल को मना लिया है,
अब ये तेरे बिना भी धड़केगा।
वो शायर होते हैं जो शायरी लिखते हैं,
हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं।
मेरे महबूब को ही मेरी क़दर नहीँ वरना,
शहर के सारे हसीं मुझसे एक मुलाक़ात की फ़िराक़ में रहते हैँ।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होता।
पत्थर हूँ मैं चलो मान लिया,
तुम हुनरमंद थे तो मुझे तराशा क्यों नहीं।
अधूरी कहानी पर खामोश होठों का पहरा है,
चोट रूह की है इसलिए दर्द जरा गहरा है।
भूले नहीं हैं तुमको, ना ही कभी भूल पाएंगे,
कुछ इस तरह धोखा दिया तूने
कि अब ना किसी से दिल लगा पाएंगे।
बहाने हजार मिल जायेंगे मुझसे दूर जाने के,
पर ये याद रखना मोहब्बत के हर कदम पर याद मेरी ही आयेगी।
2 Line Poetry in Hindi
हाल क्या कहूं लग गई हैं नजर तुम्हारी,
तुम्हारी थी इसलिए अब तक नही उतारी।
कुछ कस्में हैं जो हम आज भी निभा रहें हैं,
तुम्हें चाहते थे और तुम्हें ही चाह रहें हैं।
ये खामोश से लम्हें ये गुलाबी ठंड के दिन,
तुम्हें याद करते-करते एक और चाय तुम्हारे बिन।
उम्र और ज़िन्दगी में बस फ़र्क इतना है,
जो दोस्तों के बिना बीती वो उम्र और जो दोस्तों के साथ गुज़री वो ज़िन्दगी।
कुछ लोगों को लगता है मुझे उनकी चलाकियांन समझ नही आती,
में बड़ी खामोशी से देखता हूं उनको अपनी नजरो से गिरते हुए।
हमारे दिल की मत पूछो साहब बड़ी मुश्किल में रहता है,
हमारी जान का दुश्मन हमारे दिल मे रहता है।
तुम्हारी दुआओं से मिल जाये शायद कामियाबी मुझे,
ये सोच कर अपनी हर दुआ में याद रखना।
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग,
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता।
हमने इबादत रखा है हमारे रिश्ते का नाम,
मोहब्बत को तो लोगों ने बदनाम कर दिया।
कभी सागर कभी झील तो कभी जाम रखा है,
इश्क करने वालो ने भी आँखों का ना जाने क्या क्या नाम रखा है।
2 Line Poetry
उल्फत की बात है जरा सलीके से कीजिए,
सड़को पे हाथ पकड़कर मोहब्बत नहीं होती।
अगर मोहब्बत करनी हो तो जरा संभालकर किजीए..
मझाक नहीं इस तुफान मे टिक पाना आजकल बेवफाई की हवा चल रही है।
ख़ूबी तेरे हुस्न की यूँ भी बयान हो गई,
जब भी तेरा नाम ले लिया मीठी ज़ुबान हो गई।
हम समझदार भी इतने है की उनका झूठ पकड़ लेते है,
पर उनके दीवाने भी इतने है की फिर भी सच मान लेते है।
पैसे की जरूरत सिर्फ जीने के लिए होती है,
पर प्यार की जरूरत पूरी जिंदगी भर के लिए।
ख्यालों का कोहरा यादों की ये घनी धुन्ध,
चाय की चुस्की संग थोड़े हम और बहुत सारे तुम।
गुनाह करके सज़ा से डरते हैं जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं।
हमको अपने पापों के ही अंत मिले हैं,
आपने पाले सांपो के ही डंक मिले हैं।
मुस्कुरा लिया करो मेरी नादानियों पर जरा तुम,
एक तुम्हारी ही खातिर हमने समझदारी छोड़ी है।
मांगना ही छोड़ दिया हमनें वक्त किसी से,
क्या पता उनके पास इनकार का भी वक्त ना हो।
कोई तो हाल-ए-दिल अपना भी समझेगा,
हर शख्स को नफरत हो जरूरी तो नहीं।
आज की ये पोस्ट 2 Line Poetry आपको कैसी लगी ये आप कमेन्ट करके जरूर बताइएगा। हम आगे भी आपके लिए ऐसे ही मजेदार पोस्ट आपके लिए लेकर आते रहेंगे।
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